कानपुर : एपीफेनी परिसर की जांच हुई पूरी, नजूल के नाम दर्ज है जमीन

कानपुर, 18 अगस्त(हि.स.)। एक हजार करोड़ से अधिक की कीमत वाले एपीफेनी परिसर समेत नजुल की जमीनों पर भू—माफिया अवैध तरीके से प्लाट काट कर बेचने की तैयारी थी। लेकिन शहर के जाने माने पत्रकार अवनीश दीक्षित की गिरफ्तारी के बाद से जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित कमेटी जांच कर रही है। इस प्रकरण की जांच कर रहे एसडीएम सदर प्रखर कुमार सिंह कहना है कि अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि सरकारी दस्तावेज में पूरी जमीन नजूल में दर्ज है।

उन्होंने बताया कि बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज हो गए हैं। पूरी जमीन नजूल रजिस्टर में दर्ज है। किसी भी नजूल की जमीन को बगैर जिलाधिकारी की अनुमति के खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है। अब जांच रिपोर्ट तैयार करके जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। चुन्नीगंज स्थित एपीफेनी कंपाउंड की जमीन की जांच टीम ने पूरी कर ली है। जांच में टीम को आधी जमीन पर कब्जा और पिलर खड़े मिले हैं। सात से आठ परिवार वहां पर रह रहे हैं। वहीं आधी जमीन खाली पड़ी है। टीम ने जमीन का निरीक्षण कर अब रजिस्ट्री विभाग से अभिलेख मांगे हैं।

उन्होंने बताया कि इसे 1861 में एक मिशनरी संस्था को 99 साल की लीज पर दिया गया था, जिसकी लीज 64 वर्ष पहले ही खत्म हो चुकी है। ऐसे में यहां अवैध तरीके से प्लॉट काटे जा रहे थे। जांच कमेटी ने नजूल रजिस्टर की पड़ताल करके कई अहम तथ्य निकाले हैं। उक्त जमीन नजूल रजिस्टर में दर्ज मिली है।

इसके बावजूद पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए करोड़ों की जमीन को खरीदा और बेचा जा रहा है। नजूल की जमीन का पट्टा खत्म होते ही वह वापस सरकारी हो जाती है। ऐसे में प्रशासन के नजरिए से जमीन पर सभी दावे अवैध हैं। फिर भी दस्तावेजों की जांच जारी है। इसके बाद जमीन को सरकारी भूमि में दर्ज किया जाएगा। जनपद में नजूल की 1465 संपत्तियां है, जिसमें 90 फीसदी जमीन सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है।

हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल / राजेश

   

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