केदारनाथ: डंडी-कंडी की मांग बढ़ी, मजदूरों की कमी बन रही रोड़ा
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- May 13, 2025

रुद्रप्रयाग, 13 मई (हि.स.)। केदारनाथ यात्रा में डंडी-कंडी की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। कपाट खुलने के बाद दस दिनों में दस हजार से अधिक श्रद्धालु डंडी-कंडी से धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। सुबह 4 बजे से ही गौरीकुंड स्थित डंडी-कंडी काउंटर पर बुकिंग के लिए यात्रियों की लंबी लाइन लग रही है।
जिला पंचायत को मांग पूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं, क्योंकि पर्याप्त मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। वर्तमान में सेवा का संचालन 600 से अधिक मजदूरों के माध्यम से किया जा रहा है।
समुद्र तल से 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ यात्रा में डंडी-कंडी का संचालन दशकों से होता आ रहा है। बुजुर्ग और जरूरतमंद यात्री गौरीकुंड डंडी-कंडी से धाम पहुंचते हैं। कई यात्री धाम से वापसी में भी इस सुविधा का उपभोग करते हैं। इस वर्ष 2 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष जिला पंचायत ने एक हजार डंडी व इतने ही कंडी का पंजीकरण किया है। गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए डड़ी व कंडी का किराया 60 किलोभार का 8000, 75 किलोभार का 9000 और 90 किलोभार का 10000 रुपये तय किया गया है।
वापसी में केदारनाथ से गौरीकुंड का किराया 7 से 9 हजार रुपये किराया तय किया गया है। एक ही दिन में धाम और वापसी पर किराया 14 से 16 हजार रुपये है। वहीं, कंडी का किराया गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए 25 किलोभार का 4300 और 50 किलोभार वर्ग में 6700 रुपये तय किया गया है। वापसी में किराया की दर 3600 रुपये और 5500 रुपये है। वहीं, एक ही दिन में धाम जाने व वापसी पर 5800 रुपये और 10300 रुपये है। बीते 5 मई से केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संक्रमित होने से जानवरों का संचालन बहुत ही न्यून स्तर पर चल रहा है, जिससे गिनती के यात्रियों को इस सेवा का लाभ मिल पा रहा है। ऐसे में डंडी-कंडी की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। स्थिति यह है कि यहां प्रतिदिन एक हजार से अधिक बुकिंग मिल रही हैं, जिसके लिए सुबह से ही गौरीकुंड में डंडी-कंडी के लिए काउंटर पर खड़े हो रहे हैं। बुजुर्ग और जरूरत हर यात्री डंडी-कंडी की मांग रहा है, लेकिन मजदूरों के अभाव में जिला पंचायत प्रतिदिन 600 से 700 डंडी-कंडी ही मुहैया करा पा रहा है। दस दिनों में डंडी-कंडी से दस हजार से अधिक यात्री धाम पहुंच चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति