केरल में 36वें दिन भी जारी रहा आशा कार्यकर्ताओं का धरना, 20 मार्च से भूख हड़ताल की चेतावनी

केरल में राज्य सचिवालय के सामने धरनारत आशा वर्कर।केरल में राज्य सचिवालय के सामने धरनारत आशा वर्कर।

तिरुवनंतपुरम, 17 मार्च (हि.स.)। केरल में आशा कार्यकर्ताओं का धरना सोमवार को 36वें दिन में प्रवेश कर गया। आशा कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो वे 20 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

आशा कार्यकर्ताओं ने यह धरना केरल आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ के बैनर तले 10 फरवरी से शुरू किया था। तब से वे सचिवालय के बाहर बैठ कर धरना दे रही हैं। आज उन्होंने सचिवालय परिसर में घुसकर अपने धरने का दूसरा चरण शुरू किया। इसी के साथ उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने यदि उनकी मांगें नहीं मानीं तो 20 मार्च से अपने धरने के तीसरे चरण के तहत अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगी।

राज्य में 26,125 आशा कार्यकर्ता हैं। उन्हें 7,000 रुपये मासिक मानदेय और टीकाकरण जैसे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलता है। मानदेय का भुगतान राज्य सरकार करती है, जबकि प्रोत्साहन राशि राज्य एवं केंद्र सरकार मिलकर करती हैं। आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि मानदेय बढ़ाकर 21 हजार रुपये किया जाए और सरकार पांच लाख रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ भी दे।

उल्लेखनीय है कि केरल में माकपा के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्र पर 2023-24 के लिए राज्य को मिलने वाले 100 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया था, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / पवन कुमार

   

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