काली मां को लगाया जाएगा खिचड़ी का भोग, भोग के दूसरे दिन प्रतिमा का किया जाएगा विसर्जन

जयपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। बनीपार्क, क्रांति चंद रोड स्थित दुर्गाबाड़ी दुर्गा माता मंदिर में बंगाली समाज लोग मां काली को खिचड़ी का भोग अर्पण करेंगे। इस पूजन में बंगाली समाज के अमावस्या की रात को माता लक्ष्मी की पूजा –अर्चना करने के बाद मां काली की पूजा करते है और मध्य रात्रि काली मां को खिचड़ी का भोग लगाते है। जिसके पश्चात दूसरे दिन मां काली की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष सुदीप्तो सेन ने बताया कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 31 नवंबर की रात को माता लक्ष्मी की पूजा करने के बाद बंगाली समाज मां काली की पूजा-अर्चना करेंगा । जिसके पश्चात मां काली की पुष्पांजलि की जाएगी। इसके पश्चात माता रानी को खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। 1 नवंबर दोपहर साढे़ 12 बजे के बाद पंगत प्रसादी का आयोजन होगा। पहली पंगत प्रसादी में व्रत रखने वाले बंगाली समाज के लोग भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे। जिसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन होगा। बताया जा रहा है इस भंडारे में करीब 1 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।

तीन महीने से मनाई जा रही है मां काली की प्रतिमा

बंगाली समाज के लोग पिछले 3 महीने से मां काली की प्रतिमा बनाने में जुटे हुए थे। पूजा-अर्चना के बाद दूसरे दिन मां काली की प्रतिमा का विसर्जन धूमधाम से नेवटा बांध में किया जाएगा। बंगाल के कारीगर इस प्रतिमा को बनाने के लिए काली मिट्टी का प्रयोग करते है । जिसमें ये गोद के साथ नारियल की जटा का इस्तेमाल करते । बताया जा रहा है कि विसर्जन के बाद काली मिट्टी पानी की सतह में बैठ जाती है। जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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