नव विवाहितों के सुखमय जीवन के लिए मिथिला में मनाया गया कोजागरा पर्व

सहरसा, 17 अक्टूबर (हि.स.)।

मिथिला में नव विवाहितों के सुखमय जीवन के लिए आश्विन माह की पूर्णिमा को कोजागरा पर्व धूमधाम सें हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

मिथिला की कहावत है पग पग पोखर माछ मखान,मधुर बोल मुस्की मुख पान,ई अछि मिथिलाक पहचान को चरितार्थ करता कोजगरा पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व मिथिला में नवविवाहित जोड़ों के लिये मनाए जाने वाले पर्व में से एक है।मिथिला संस्कृति एवं सभ्यता का पर्व कोजगरा बुधवार को मनाया गया।

बताया जाता है कि इस बार कोजगरा प्रदोष समय में संध्या 7:10 के बाद पूरी रात मनाया जाएगा। वहीं कुुछ लोगों द्वारा आज भी मनाया जा रहा है।जिसको लेकर मिथिला संस्कृति से जुड़े परिवारों के घर-आंगन में संध्या के समय मां बहनों द्वारा मैथिली भगवती गीत गुंजायमान है।जानकारी अनुसार मुख्य रूप से यह पर्व मैथिल ब्राह्मण परिवारों में नव विवाहित वर के घर पर मनाया गया।

इस दिन नव विवाहित वर के ससुराल से पान, मखान, नारियल, केला, दही, मछली, वस्त्र, मिठाई, फल, कौड़ी का उपहार आता है। चावल के पीठार से आंगन में अष्टदल अरिपन दिया जाता है। वर के ससुराल से आए रंग-बिरंगी मिठाई के डाला को अरिपन पर रखा जाता है। वर को ससुराल से आए नव वस्त्र धोती, कुर्ता, पाग, चादर आदि पहनाकर लकड़ी के पीढ़िया पर बिठाया जाता है। घर एवं समाज की महिलाओं द्वारा मैथिली भगवती गीत, सोहर, झूमर आदि के बीच नव विवाहित वर के साथ रस्म अदा की जाती है तथा नव विवाहित के सुखमय एवं समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना की जाती है।वही महिलाओ द्वारा कौड़ी के माध्यम सें पच्चीसी खेलकर हंसी मजाक के बीच आनंद उठाते है।इसके पश्चात सगे संबंधी एवं ग्रामीणों के बीच पान, मखान, मिष्ठान आदि वितरित किया जाता है।

अपने सामर्थ्य के अनुसार मिथिला परंपरा के अनुरुप मछली-दही का भोज भी किया जाता हैं।विद्वानों के द्वारा बताया जाता है कि इस पर्व पर विशेष करके मखाना, पान, मिष्ठान, फल, वस्त्र, आभूषण देकर विदा किया जाता है। जब वह अपने घर पहुंचते हैं तो वहां यह सब कुछ अपने कुल देवता के समक्ष अर्पित किया जाता है। वह सब सामग्रियों को समाज में प्रसाद के स्वरूप वितरण किया जाता है। दूसरी ओर मखान की विशेषता के संबंध मे जानकारों की माने तो मखाने में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन और फाइबर होता है। जिससे शरीर में कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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