कोकराझार (असम), 14 नवम्बर (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सहकारिता विभाग ने विभिन्न सहकारी समितियों के साथ मिलकर कोकराझार के तितागुरी में स्थित समाज भवन में 71वें राष्ट्रीय सहकारी सप्ताह में मद्देनजर एक दिवसीय जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया। यह आयोजन, जो कि 14 से 20 नवंबर तक देशव्यापी रूप से मनाया जा रहा है, का उद्देश्य सहकारी समितियों की देश की आर्थिक प्रगति में भूमिका को उजागर करना है।
बैठक में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें बीटीसी के अवर सचिव बिप्लब देय, डेयरी विभाग के पूर्व सीएचडी एवं ओएसडी जायनाल हक, कोकराझार वाणिज्य महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रमुख डॉ. बिनोद स्वर्गियारी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक कुन्तल पुरकायस्थ, एपेक्स बैंक के प्रबंधक बिन्नी कुमार और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जयश्री बोडो शामिल थे, साथ ही विभिन्न सहकारी समितियों के बोर्ड सदस्य भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत कोकराझार जिला सहकारी संघ के वरिष्ठ सदस्य हेमजीत मुसाहारी द्वारा सहकारी ध्वज फहराने के साथ हुई, इसके बाद बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए शपथ ग्रहण समारोह हुआ।
सहकारिता विभाग के सीएचडी, जयंत खेरकतारी ने सत्र की शुरुआत की और केंद्र सरकार की पहल पर चर्चा की, जिसमें स्थानीय सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इन योजनाओं के कार्यान्वयन पर बल दिया गया। जयनाल हक ने गुजरात के सफल डेयरी सहकारी मॉडल पर प्रकाश डाला और बीटीआर सहकारी समितियों को कृषि के विविध क्षेत्रों में इस प्रकार की रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।
डॉ. बिनोद स्वर्गियारी ने सहकारी समितियों को अपने शेयरधारकों को एक बाजार के रूप में उपयोग करने पर जोर दिया, जिससे क्षेत्र में आत्मनिर्भर आर्थिक तंत्र को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने वित्तीय स्थिरता बढ़ाने के लिए समाज के भीतर व्यापार और आपसी समर्थन के महत्व पर भी जोर दिया।
बिप्लब देय ने सहकारी गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी की अपील की, उन्होंने कहा कि युवाओं का नवाचार और बुजुर्गों के अनुभव के मेल से सतत विकास प्राप्त किया जा सकता है। इसी दौरान, कुन्तल पुरकायस्थ और बिन्नी कुमार ने सहकारी समितियों के लिए उपलब्ध वित्तीय योजनाओं और सब्सिडियों पर चर्चा की और सहकारी समितियों से अनुरोध किया कि वे क्षेत्र विशेष की फसलों पर ध्यान केंद्रित करें और एपेक्स बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए व्यावसायिक विकास योजनाएं प्रस्तुत करें।
बैठक का समापन जयश्री बोडो के द्वारा महिलाओं की दृढ़ता की सराहना और हथकरघा जैसे क्षेत्रों में महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियों के गठन को प्रोत्साहित करने के साथ हुआ, जिससे व्यापक आर्थिक अवसरों का लाभ उठाया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा