गुवाहाटी-दिल्ली और गुवाहाटी-चेन्नई रेलमार्ग का नाम महापुरुषों के नाम पर रखें: दिलीप सैकिया

गुवाहाटी, 18 अप्रैल (हि.स.)। असम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप सैकिया ने गुवाहाटी-दिल्ली-गुवाहाटी और गुवाहाटी-चेन्नई-गुवाहाटी रेलमार्ग का नामकरण महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव और महापुरुष माधवदेव के नाम पर करने का आग्रह किया है।

सांसद ने कहा कि असम के इन दो लंबी दूरी की रेल सेवाओं का नामकरण महापुरुषों के नाम पर किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका योगदान असम और भारत की संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।

सांसद सैकिया ने संसद में रेलवे मंत्रालय के 2025-26 की अनुदान मांगों पर हुई बहस में भाग लेते हुए यह मांग उठाई। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र दरंग-उदालगुरी में रेल संपर्क की कमी, नई रेल सेवाओं की आवश्यकता और कोविड काल में बंद हुए रेलवे स्टॉपेज को पुनः शुरू करने की मांग भी की।

उन्होंने कहा कि दरंग जिला अब भी रेल कनेक्टिविटी से वंचित है, जिससे आम जनता को यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे पहले भी वे व्यक्तिगत बैठकों, संसदीय चर्चाओं और रेल मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग उठा चुके हैं।

सैकिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान बंद किए गए रेलवे स्टॉपेज को फिर से शुरू करने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने विशेष रूप से खैराबाड़ी, डेकारगांव, गोरेश्वर, माझबाट, टंगला और उदालगुरी रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की बहाली की मांग की, ताकि स्थानीय यात्रियों को सुविधा मिले।

सांसद ने डिब्रूगढ़-गुवाहाटी रेलमार्ग पर एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के यात्रियों के लिए एक तेज़ और आधुनिक यात्रा का विकल्प बनेगी।

इसके अलावा, गुवाहाटी-जगदलपुर (उड़ीसा) के बीच एक नई सीधी रेल सेवा शुरू करने की मांग भी सांसद ने उठाई। उन्होंने कहा कि इससे असम और उड़ीसा के बीच संपर्क मजबूत होगा और असम में रहने वाले उड़िया समुदाय की यात्रा सुविधाएं बेहतर होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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