अन्नपूर्णा मंदिर में कुंभाभिषेक महा अनुष्ठान जारी,नूतन स्वर्ण शिखर का कुंभाभिषेक सम्पन्न
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- Feb 07, 2025
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—श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विधुशेखर भारती की मौजूदगी में अनुष्ठान
वाराणसी,07 फरवरी (हि.स.)। अन्नपूर्णा मंदिर में चल रहे कुंभाभिषेक महा अनुष्ठान में शुक्रवार को श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विधुशेखर भारती के मौजूदगी में महाकुंभाभिषेक एवं श्रृंगेरी मठ की ओर से समर्पित नूतन स्वर्ण शिखर का कुंभाभिषेक सम्पन्न हुआ। मंदिर में शाम को गुरूवंदना,नगर के विभिन्न संस्थाओं की ओर से अभिनंदन सभा होगा। रात्रि 9.30 से चंद्रमौलीश्वर पूजा होगी।
अन्नपूर्णा मंदिर में चल रहे कुंभाभिषेक महा अनुष्ठान में पूर्व काशी नरेश के वंशज डॉ अनंत नारायण सिंह ने भी परिजनों के साथ भाग लिया। डॉ अनंत नारायण ने माता रानी के गर्भगृह में विधि विधान से पूजा-अर्चना की। इसके पहले मंदिर के महंत शंकरपुरी और प्रबंधन से जुड़े संतों ने डॉ. अनंत नारायण का स्वागत किया। इसके पहले मंदिर के कुंभाभिषेक महा अनुष्ठान में प्रतिष्ठांग हवन, शुभ मुहूर्त में देवता मूर्तिप्रतिष्ठा, कुम्भाभिषेक, अर्चन, महानीराजन, पूर्णाहुति प्रासाद शिखर कुम्भाभिषेक दर्शन समेत अन्य अनुष्ठान पूरे हो गए। इसके साथ ही शास्त्रार्थ सभा का भी आयोजन किया गया।
सभा में श्रृंगेरी पीठ शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने काशी का महात्म्य बताया। विद्वानों की ओर से विभिन्न धर्मशास्त्रों से अकाट्य तर्क प्रस्तुत किए गए। शंकराचार्य ने अन्नपूर्णा मंदिर में कुंभाभिषेक महानुष्ठान में पूजा-अर्चन के बाद चल रहे अनुष्ठानों का अवलोकन किया। महंत शंकरपुरी ने शंकराचार्य को मां अन्नपूर्णा का दर्शन पूजन करवाया। इस दौरान विद्वानों ने वेद मंत्रों से शंकराचार्य का स्वागत किया। इस अवसर पर शंकराचार्य ने कहा कि काशी में विद्वानों ने शास्त्रार्थ परम्परा के संरक्षण में अपना योगदान दिया है। पूर्व में भी ऐसे विद्वान रहे है । जिसमें गागा भट्ट व पंडित राजराजेश्वर शास्त्री हुए हैं। आज भी वहीं परम्परा चली आ रही है जो संरक्षित व सुरक्षित है। आगे भी इसी प्रकार से शास्त्रार्थ परम्परा काशी में रहेगी । ऐसी शुभकामना व्यक्त करता हूं।
इस मौके पर शास्त्रार्थ में भाग लेने वाले विद्वानों को मन्दिर के महंत ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। शास्त्रार्थ में प्रो. रमाकांत पाण्डेय, प्रो. राम नारायण द्विवेदी, डॉ. श्रीराम एस, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. शंकर मिश्र, विनय पांडेय, प्रो.हरिशंकर दीक्षित, ह्रदय रंजन शर्मा, प्रो. सुनील कात्यायन ने भागीदारी की।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी