एलडीए के पूर्व उपाध्यक्ष सत्येन्द्र के विरूद्ध डीओपीटी की जांच

लखनऊ, 22 अप्रैल(हि.स.)। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह यादव का नाम मंगलवार को एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अधिकारियों की टीम अब सत्येन्द्र सिंह यादव के एलडीए उपाध्यक्ष रहते हुए तैयार हुए जवाहरलाल नेहरू नगर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (जेपीएनआईसी) मामले में हुई गडबडी की जांच करेगी।

उत्तर प्रदेश के जाने माने आईएएस सत्येन्द्र सिंह यादव के एलडीए उपाध्यक्ष रहते हुए कई प्रकरणों में नाम आया है। जिसमें जेपीएनआईसी मामले ने तूल पकड़ लिया था। जिसका कारण समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम इस प्रकरण से जुड़ा हुआ है। जेपीएनआईसी में अनियमितता से जुड़े सभी कार्य को अखिलेश के मुख्यमंत्री रहते हुए किया गया है।

सत्येन्द्र सिंह यादव के तमाम संबंध केन्द्र और राज्य की सरकारों में बैठे अधिकारियों व नेताओं से भी बताये जाते रहे हैं। यही कारण है कि सत्येन्द्र सिंह के विरूद्ध पहले से चल रही केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार अब मामले में डीओपीटी की जांच होनी तय है, इसको लेकर पत्राचार हो चुका है, जिसके बाद ठोस कार्रवाई होने की सम्भावना है।

बता दें कि सत्येन्द्र सिंह यादव पर जेपीएनआईसी परियोजना के लिए शासन से स्वीकृत बजट से अधिक धनराशि खर्च करने का आरोप है। इस परियोजना में कराये गये कार्यों में आठ सौ करोड़ रूपये की अनियमितताओं को पाया गया। इस संबंध में सीबीआई, ईडी के अधिकारियों ने भी पर्याप्त सूबतों को जुटाया हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

   

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