कांजुरमार्ग मेट्रो कारशेड को लेकर, केंद्र व राज्य सरकार का भूमि विवाद सुलझा
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- May 06, 2025

मुंबई, 5 मई (हि.स.)। कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड को लेकर केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रहा भूमि विवाद का मामला खत्म हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका को वापस ले लिया है। जमीन के स्वामित्व को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पिछले कुछ वर्षों से कानूनी विवाद चल रहा था।
मेट्रो लाइन 6 के कार शेड के लिए हस्तांतरित की गई कांजुरमार्ग की 15 हेक्टेयर भूमि को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिछले कुछ वर्षों से कानूनी विवाद चल रहा था। केंद्र सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट को सूचित किया कि वह कार शेड के लिए भूमि आवंटन के निर्णय के खिलाफ दायर की गई अपनी याचिका वापस ले रही है। हालांकि इस भूमि को लेकर निजी डेवलपर और सरकार के बीच विवाद जारी है। इसलिए अदालत कार शेड स्थल की यथास्थिति बनाए रखने के अंतरिम आदेश पर गुरुवार को फैसला सुनाएगी।
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि वह अपनी याचिका वापस ले रहे हैं। केंद्र सरकार की याचिका वापस होने के बाद भूमि के स्वामित्व को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद सुलझ गया है। निजी डेवलपर महेश गरोडिया ने भी इस भूमि पर स्वामित्व का दावा किया था। निजी डेवलपर ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार और उसकी याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए अदालत ने अंतरिम राहत के तौर पर भूमि की यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। उन्होंने अपनी याचिका पर सुनवाई की भी मांग की। अदालत ने मामले का संज्ञान लिया और याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
केंद्र सरकार ने पिछले साल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें मुंबई उपनगरीय जिला मजिस्ट्रेट के 17 अप्रैल 2023 के आदेश पर आपत्ति जताई गई थी। कांजुरमार्ग में नमक के खेतों की जमीन को 'स्वामी समर्थ नगर - विक्रोली मेट्रो 6' लाइन के कार शेड के लिए एमएमआरडीए को स्थानांतरित कर दिया गया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका को संज्ञान में लेते हुए स्थल को यथावत रखने और भूमि की प्रकृति में कोई परिवर्तन न करने का अंतरिम आदेश जारी किया था। राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया था कि वह केंद्र सरकार की याचिका पर जवाब दाखिल करेगी। इसके बाद राज्य सरकार ने अदालत से केंद्र सरकार से संपर्क करने और मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का अनुरोध किया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार