पुंछ जिले के चकरारा के भूस्वामियों ने 39 साल के इंतजार के बाद अपनी जमीन वापस मांगी

जम्मू, 25 जनवरी (हि.स.)। चौंकाने वाली घटना में पुंछ जिले के मंडी तहसील के चकरारा के निवासी 36 कनाल जमीन को लेकर दशकों पुराने विवाद में उलझ गए हैं जिसे 39 साल पहले 1986 में गिरवी रखा गया था। यह जमीन दो ठेकेदारों ने सीमेंट फैक्ट्री लगाने के नाम पर ली थी जिसमें स्थानीय समुदाय से हर घर को रोजगार और फसल नुकसान के मुआवजे का वादा किया गया था।

करीब चार दशक बाद भी न तो वादा किए गए रोजगार मिले और न ही मुआवजा। इसके बजाय ठेकेदार सीमेंट फैक्ट्री का ढांचा खड़ा करने के बाद गायब हो गए और अपने पीछे टूटे वादों और वित्तीय बोझ का ढेर छोड़ गए। कथित तौर पर ठेकेदारों ने बैंक से 35 लाख रुपये उधार लिए थे, जो अब ब्याज के कारण 86 लाख रुपये हो गए हैं।

इस घटना के बाद बैंक ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए 36 कनाल जमीन की नीलामी करने का फैसला किया है जिससे क्षेत्र में व्यापक अशांति फैल गई है। भूस्वामियों ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से उनकी जमीन वापस करने की अपील की है। उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति को वापस पाने के लिए बैंक का कर्ज खुद चुकाने की इच्छा भी जताई है। भूस्वामियों ने नीलामी प्रक्रिया में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है और जमीन पर अपना हक जताया है। प्रभावित निवासियों में से एक ने कहा किअगर कोई टेंडर प्रक्रिया के जरिए इस जमीन को लेने की कोशिश करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह जमीन हमारी है और इस पर पहला अधिकार हमारा होना चाहिए। इस स्थिति ने क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना दिया है और स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से हस्तक्षेप करने और न्याय प्रदान करने का आग्रह किया है। भूस्वामियों को उम्मीद है कि उनकी अपील सुनी जाएगी और सालों के इंतजार के बाद उनकी जमीन उन्हें वापस मिल जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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