जल्द लौटेगा प्राचीन विक्रमशीला विश्विद्यालय का गौरव, कवायद हुई तेज
- Admin Admin
- Jan 18, 2025
भागलपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। जिले के कहलगांव अनुमंडल के अंतिचक स्थित प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय का गौरव जल्द ही लौटने वाला है। विश्वविद्यालय के खोए हुए गौरव को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में वैश्विक पटल पर लाने की दिशा में कवायद तेज हो चुकी है। संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल से मई महीने में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला रख सकते हैं लेकिन इसके पहले इसी साल किराए के भवन में कक्षा संचालित हो सकती है। छात्रों का नामांकन प्रक्रिया शुरू करने को लेकर पहल हो रही है। भागलपुर के कहलगांव स्थित विक्रमशिला विश्विद्यालय के भग्नावशेष से थोड़ी दूर अन्तिचक और मलकपुर मौजा में जमीन चिन्हित की गई है। इसके लिए कचल 208 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने 88 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि 10 साल पूर्व में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय विश्विद्यालय की घोषणा करने के बाद 500 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए दे चुके हैं। वर्षों से जमीन चयन और अधिग्रहण की प्रक्रिया फाइलों में अटकी हुई थी। कुछ महीने पहले जमीन चयन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई। जिसके अधिग्रहण के लिए रैयतों को मुआवजा देने के लिए 88 करोड़ रुपये मिले हैं। बीते दिनों भागलपुर महोत्सव के मंच से सम्राट चौधरी ने भी कहा था कि पीएम मोदी अप्रैल से मई के बीच आकर आधारशिला रखेंगे। पीएम मोदी ने विश्विद्यालय के शिलान्यास की इच्छा जताई थी।
बताया जा रहा है कि तीन महीने के अंदर डीपीआर तैयार कर लिया जाएगा। इससे पहले विश्विद्यालय में होने वाली पढ़ाई के लिए किराए के भवन में कक्षाएं संचालित हो सकती है। इसको लेकर भी जिलाधिकारी की ओर से पहल हो रही है ।इस दौरान बिहार कृषि विश्विद्यालय के कुलपति से भी अधिकारी की वार्ता हुई है। संभावना है कि बीएयू के भवनों में कक्षाएं संचालित हो सकती है। बीएयू के पास भवन के साथ साथ संसाधन भी उपलब्ध है। जब विश्विद्यालय बन जायेगा तब छात्रों को वहाँ शिफ्ट कर दिया जाएगा। हांलाकि यह अभी तय नहीं हुआ है की बीएयू में कक्षाएं संचालित होंगी। जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बीते साल पदभार ग्रहण करते ही विक्रमशिला विश्विद्यालय की स्थापना की दिशा में कवायद तेज कर दी थी। जमीन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में लगे रहे।
जिलाधिकारी ने कहा है कि प्रयासरत हैं कि शीघ्र यहां कोर्स का संचालन शुरू हो जाये। उसके लिए हमलोगों ने बिल्डिंग को भी खोज लिया है। यदि किराए के बिल्डिंग में कोर्स का संचालन हो जाये तो बड़ी उपलब्धि हो सकती है। वहीं भागलपुर के सांसद अजय मंडल ने कई दफा सदन में और सम्बंधित मंत्रियों से मिलकर विक्रमशीला विश्विद्यालय के निर्माण को लेकर मांग की। साथ ही गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इसको लेकर आवाज उठाया था। लोकसभा के पटल पर मुद्दे को रखा था। विधायक अजीत शर्मा और पवन यादव ने विधानसभा में भूमि चयन कर अधिग्रहण करने और पुनर्निर्माण की मांग की थी।
सांसद अजय मंडल ने कहा कि जल्द ही विक्रमशिला विश्विद्यालय का उद्धार होगा, सरकार प्रयासरत है। नालंदा जैसा क्यों नालंदा से बेहतर यहां केंद्रीय विश्विद्यालय बनेगा। वहीं कहलगांव विधायक पवन यादव ने कहा कि भूमि अधिग्रहण जल्द होगा। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। 3 महीने में डीपीआर तैयार होगा उसके बाद केंद्रीय विश्विद्यालय का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। जहां तक इसके इतिहास की बात है तो विक्रमशिला विश्विद्यालय की स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच की थी। तकरीबन 400 साल यह विश्विद्यालय देश विदेश में शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा था।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर