(अपडेट) दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं चढ़ीं भ्रष्टाचार की भेंटः विजेंद्र गुप्ता
- Admin Admin
- Nov 12, 2024
- नेता प्रतिपक्ष ने किया जीटीबी अस्पताल का दौरा, आईसीयू ब्लॉक के निर्माण में देरी पर उठाये सवाल
- उपराज्यपाल से आईसीयू ब्लॉक के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की उच्च्स्तरीय जांच कराने की मांग
नई दिल्ली, 12 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार के तथाकथित 'वर्ल्ड क्लास हेल्थ मॉडल' के काले सच को उजागर करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। मौजूदा सरकार के सभी प्रोजेक्ट पूरी तरह से फेल हो चुके हैं और अधूरे पड़े निर्माण दिल्ली सरकार की अदूरदर्शिता के कारण खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। साइट पर रखा सामान जंग खा रहा है ।
विजेंद्र गुप्ता ने दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) का दौरा किया। यहां पर प्री-इंजीनियरिंग मॉडल पर बनने वाले 1912 बिस्तरों की क्षमता वाले आईसीयू ब्लॉक के निर्माण का जायजा लिया । निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुप्ता ने बताया कि इस एक आईसीयू ब्लॉक का निर्माण जीटीबी अस्पताल में किया जाना था। जिसे सितंबर 2021 से शुरू करके 2022 के फरवरी महीने तक 6 महीने में पूरा किया जाना था लेकिन यह निर्माण कार्य तीन साल बीत जाने के बावजूद आधा ही हो पाया है । जुलाई 2023 में सरकार द्वारा हाथ खींच लिये जाने के बाद निर्माण कार्य ठप हो गया और काम कर रही एजेंसी काम बीच में ही छोड़कर भाग गई। इसके अलावा निर्माण लागत तीन सौ करोड़ से दो गुना बढ़कर छह सौ करोड़ से ज़्यादा हो चुकी है।
गुप्ता ने कहा कि आम आदमी सरकार ने पिछले दस साल में अपने कार्यकाल के दौरान एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया बल्कि आईसीयू ब्लॉक्स के निर्माण के नाम पर हजारों करोड़ रुपयों की बंदरबाट कर ली। वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं देने के नाम पर दिल्ली वालों को ठग लिया गया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस जीटीबी अस्पताल के आईसीयू ब्लॉक के पूरा होने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही, क्योंकि बढ़ी हुई लागत को पूरा करने के लिये चालू बजट में इसके लिए राशि का कोई प्रावधान ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर जैसे तैसे पूरा करने का प्रयास किया भी गया तो लागत दो सौ गुना बढ़ जायेगी। गुप्ता ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि आईसीयू का निर्माण पूरा हो भी जाता तो उसका संचालन नहीं हो सकता था। क्योंकि सरकार ने आईसीयू ब्लॉक को चलाने के लिए जरूरी डाक्टर्स, नर्स, वार्ड ब्वॉय जैसे स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया का प्रावधान ही इस योजना में नहीं रखा।
गुप्ता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि यह बड़े ही अफसोस की बात है कि जब दिल्ली के लोग कोरोना जैसी आपदा में अपनी जान गंवा रहे थे और इस आईसीयू ब्लॉक्स को पूरा करना बहुत जरूरी था, उस वक्त आम आदमी पार्टी के मुखिया अपने शीश महल की साज सज्जा में कराड़ों रुपये खर्च करके अपनी विलासिता के साधन जुटाने में व्यस्त थे। वह शराब नीति के माध्यम से करोड़ों रुपये इधर से उधर करने का ताना बाना बुन रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि आम आदमी सरकार ने दिल्ली की जनता के टैक्स की खून पसीने की कमाई को अपने अधूरे प्रोजेक्ट्स में बर्बाद कर दिया और करोड़ों रुपये इधर से उधर कर लिये। दिल्ली सरकार ने जानबूझकर 'प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन' (पीएम- ऐबीएचआईएम ) को दिल्ली में लागू नहीं किया । इस योजना के अंतर्गत दिल्ली को 2,406 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस पैसे से पांच सालों में दिल्ली के 11 जिलों में 1139 जन स्वास्थ्य कल्याण केंद्र, 11 पब्लिक हेल्थ लैब्स और 10 क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स आदि का निर्माण होना था लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण यह योजना 2021 से लंबित पड़ी हुई है। इसकी फाइल को इधर से उधर घुमाया जा रहा है ।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपये अपनी जेब में डालने के लिए दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लैब्स की सेवाओं को आउटसोर्स करके अपनी चहेती निजी कंपनी को इसका ठेका दे दिया। इस कंपनी ने मोहल्ला क्लीनिकों और सरकारी अस्पतालों में फर्जी मरीजों के नाम से टेस्ट करके आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेताओं को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया।
गुप्ता ने दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सत्ता में आते ही तीन महीने के अंदर ही दिल्ली के अस्पतालों में अधूरे पड़े सातों आईसीयू ब्लॉक्स के अधूरे निमाण कार्यों को पूरा करके इन्हें जनता के लिए खोल देगी। साथ ही उन्होंने जीटीबी अस्पताल के इस अधूरे आईसीयू ब्लॉक के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की उच्च्स्तरीय जांच की उपराज्यपाल से मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी