नेता प्रतिपक्ष ने कैग रिपोर्ट पेश न करने पर उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा 

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा कैग की 14 रिपोर्ट्स को विधानसभा के सदन पटल पर रखने में जानबूझकर देर किए जाने के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

उपराज्यपाल को दिए ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधान सभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट्स को प्रस्तुत करने में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा की जा रही अनुचित देरी को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष की लगातार मांग पर अभी तक इन रिपोर्ट्स को सदन पटल पर रखने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलाया है। गुप्ता ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दें ताकि इन रिपोर्ट्स को सदन में रखा जा सके।

गुप्ता ने ज्ञापन में कहा है कि भाजपा विधायकों द्वारा दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और उपराज्यपाल के सम्मुख विभिन्न स्तरों पर लगातार और उचित अनुरोध किए जाने के बावजूद सरकार इन रिपोर्ट्स को सदन पटल पर प्रस्तुत नहीं कर रही है। गुप्ता ने इस संबंध में उपराज्यपाल को 28 नवंबर को लिखे पत्र का स्मरण दिलाते हुए कहा कि भाजपा के विधायक दल की ओर से उनका ध्यान इस मामले में आकृष्ट किया गया था और इस संबंध में भाजपा दल द्वारा किये गये प्रयासों से भी अवगत करवाया गया था। गुप्ता ने खेद जताते हुए कहा कि उपराज्यपाल द्वारा स्पीकर को 19-20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिये जाने के बावजूद सरकार ने इस पर अमल नहीं किया।

गुप्ता ने उपराज्यपाल को बताया कि भाजपा विधायक दल द्वारा इस संबंध में याचिका दायर करने और दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के चलते, मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को 24 दिसंबर को सीएजी की लंबित ऑडिट रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजने के लिए विवश होना पड़ा। लेकिन फिर भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। जिसके बाद भाजपा विधायक दल की ओर से एक बार फिर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई और कोर्ट से अनुरोध किया गया कि वह विधान सभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएजी की रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को आवश्यक निर्देश दे। इस पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने स्पीकर को नोटिस जारी कर अगले दस दिन में अपना काउंटर हलफनामा दाखिल करने के लिये कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी, 2025 को होगी।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष फरवरी में समाप्त हो रहा है। सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में की जा रही देरी से न केवल वर्तमान सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं, बल्कि कैग की रिपोर्ट्स के माध्यम से इनमें कथित हिसाब किताब की जानकारी को सार्वजनिक करने की सरकार की अनिच्छा का संकेत भी मिल रहा हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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