एआई की बारीकियों को जानें-समझें और उसके इस्तेमाल में पारंगत बनें : डाॅ शालिनी शुक्ला

कोरबा, 4 मार्च (हि.स.)। हमारा और भावी पीढ़ी का भविष्य एआई के हाथों में जाने वाला है, इसलिए लाजमी यही होगा कि हम स्वयं, स्टूडेंट्स और अपने बच्चों का सही ज्ञानवर्धन कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति साक्षर बनाने के साथ सजग-सतर्क बनें। एआई की बारीकियों को जानें-समझें और उसके इस्तेमाल में आज से ही पारंगत बनने की कोशिश में जुट जाएं। यह बातें आज मंगलवार को कमला नेहरु महाविद्यालय में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से आईं लाइब्रेरियन डाॅ शालिनी शुक्ला ने कहीं।

पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान बनाम कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के विषय में खासकर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान पर एआई के बढ़ते कदम से पड़ रहे प्रभाव पर उन्होंने संक्षिप्त व्याख्यान दिया। डाॅ शुक्ला ने इस बात पर फोकस किया कि हम एआई की खामियों पर बात करने की बजाय उसकी खूबियों और उपयोगिता पर अपना परिश्रम इंवेस्ट करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

   

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