उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने की समीक्षा बैठक

-सांसदों, विधायकों के पत्रों पर हुई कार्रवाही की भी समीक्षा

वाराणसी,26 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने गुरूवार को यहां समीक्षा बैठक की। बैठक में वाराणसी, चंदौली, जौनपुर व गाजीपुर में जनप्रतिनिधियों के लिखे पत्रों पर हुई कार्रवाही की भी समिति ने समीक्षा की। समिति में शामिल सदस्यों ने कहा कि सभी कार्यालयों में जनप्रतिनिधियों के पत्र के लिए एक रजिस्टर अलग से बनाया जाए। ताकि पत्रों के जवाब के संबंध में जानकारी मिल सके तथा जवाब नहीं देने पर सम्बन्धित की जिम्मेदारी भी तय हो सके।

बैठक में सदस्यों ने सड़कों पर छुट्टा पशु नहीं घूमने पाये इसको लेकर दिशा निर्देश दिया। साथ ही पशुओं को गोशालाओं में पहुंचाने तथा वहाँ उनकी देखभाल की उचित व्यवस्था कराने को कहा। समिति ने आबकारी विभाग को निर्देशित किया कि विद्यालयों के समीप तथा 100 मीटर की परिधि में शराब की दुकानें संचालित नहीं होने पाये। मांस की दुकानों का संचालन पूरी तरह हाइजीन के साथ पर्दे में होना चाहिये।

समिति ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि सड़कों, चकरोड को अवैध रूप से कटिंग करने वालों को चिन्हित करवाए। और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। लोकनिर्माण विभाग को अपनी संपत्तियों को चिन्हित करते हुए अवैध अतिक्रमण को खाली कराने को कहा।

सदस्यों ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनप्रतिनिधि का फोन नहीं उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन के बीच अच्छा समन्वय स्थापित हो ताकि विकास के कार्यों को गति दी जा सके। समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों के पंचायती राज विभाग चंदौली को कोई पत्र नहीं प्राप्त होने की सूचना पर पुनः जानकारी कराने को निर्देशित किया। जलनिगम को सभी बनकर तैयार टंकियों के सुचारू रूप से संचालन तथा पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों को सही कराया जाये।

समिति ने नगर आयुक्त वाराणसी अक्षत वर्मा को जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। निर्देशित करते हुए कहा कि 2021-24 के बीच के जनप्रतिनिधियों के प्राप्त पत्रों का अवलोकन कराने, एक माह में उनका समुचित निस्तारण कराए। जिलाधिकारी चंदौली को जनप्रतिनिधियों के विभिन्न विभागों में प्राप्त पत्रों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया। समिति ने बोर्ड परीक्षा के दौरान सेंटर चयन के लिए सभी मानकों को पूरा करने वाले विद्यालयों को नजरअंदाज नहीं करने को कहा। बैठक में सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने पर व्यवहारिक पक्ष अपनाने पर जोर दिया। बैठक में वाराणसी जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने समिति के सभापति एवं सदस्यों का आभार जताया।

समीक्षा बैठक में सभापति सुरेंद्र चौधरी, अध्ययन समिति के सदस्य के रूप में एमएलसी उमेश द्विवेदी, किरणपाल कश्यप, आशुतोष सिन्हा, धर्मेंद्र सिंह, हंसराज विश्वकर्मा में शामिल रहे। वहीं, जिलाधिकारी जौनपुर दिनेश चंद्र, गाजीपुर आर्यका अखौरी, चंदौली निखिल टीकाराम फुंडे, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अफसर भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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