जयंती पर याद किए गए लोकनायक जयप्रकाश नारायण, वक्ताओं ने साझा किए संस्मरण

देहरादून, 11 अक्टूबर (हि.स.)। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र तथा सर्वोदय मंडल देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में भारत में संपूर्ण क्रांति के मसीहा लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 122वीं जयंती का आयोजन दून पुस्तकालय सभागार में किया गया। वक्ताओं ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण के व्यक्तित्व और उनके कार्यों पर प्रकाश डाला। उनसे जुड़े कई संस्मरण भी साझा किए।

मुख्य वक्ता प्रमुख साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने जयप्रकाश नारायण के क्रांतिकारी और सर्वोदय में उनके योगदान को रेखांकित किया। गुजरात और बिहार आंदोलन में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका तथा आपातकाल के दौरान मीसा नजरबंदी के दौरान खराब स्वास्थ्य के बावजूद जनता सरकार के गठन में उनकी भूमिका पर विस्तृत व भावपूर्ण प्रकाश डाला।

सह वक्ता समाजवादी विचारक डॉ. सत्यनारायण सचान ने जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में भारतीय राजनीति में हुए क्रांतिकारी परिवर्तनों के पश्चात लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में उनके अप्रतिम योगदान का स्मरण किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में एसएमजेएन पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अवनीत कुमार घिल्डियाल ने जयप्रकाश नारायण के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

सभा का संचालन शहर के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता हरवीर सिंह कुशवाहा ने किया। जिला सर्वोदय मंडल देहरादून के अध्यक्ष यशवीर आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में सर्वोदय विचारों के प्रवर्तक डॉ. विजय शंकर शुक्ल ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में राजेंद्र गुप्ता, रामचंद्र यादव, नीरू शर्मा, इंदु शुक्ला, रश्मि, केबी नैथानी, पैन्यूली, नवीन मित्तल, सुरेंद्र सिंह, जयप्रकाश दिनकर, चंद्रशेखर तिवारी, राकेश कुमार, देवेंद्र कांडपाल, शैलेंद्र नौटियाल आदि उपस्थित थे।

शशि प्रभा रावत के निधन पर जताया शोक, दी श्रद्धांजलि

कार्यक्रम की समाप्ति पर भारत और उत्तराखंड की मशहूर गांधीवादी सर्वोदय सेविका शशि प्रभा रावत के निधन पर सर्वोदय मंडल की जिला मंत्री कुसुम रावत ने शोक प्रस्ताव रखा। उनके त्याग, तपस्या पूर्ण जीवन, उनकी सादगी और सर्वोदय के प्रति आजीवन समर्पण व निष्ठा का स्मरण दिलाया। उपस्थित लोगों ने शशि प्रभा रावत को मौन श्रद्धांजलि दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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