लोकसभा अध्यक्ष ने भारत-यूके के बीच संसदीय ज्ञान और अनुभवों के आदान-प्रदान पर दिया जोर

नई दिल्ली, 8 जनवरी (हि.स.)। भारत और यूके के बीच संसदीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों देशों के बीच संसदीय ज्ञान और अनुभवों के अधिकाधिक आदान-प्रदान पर जोर दिया। बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों के युवा और महिला सांसदों को नियमित रूप से परस्पर संवाद करना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने आज लंदन में यूके की संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर सर लिंडसे हॉयल के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने उल्लेख करते हुए कि भारत में संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। बिरला ने कहा कि भारत का संविधान देश में परिवर्तनकारी सामाजिक-आर्थिक बदलाव का सूत्रधार रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वर्ष 2047 में आजादी के सौ वर्ष पूरे होने तक भारत विकसित देश बन जाएगा।

बिरला ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध ही दोनों देशों के घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों का आधार हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच आपसी सौहार्द से दोनों देशों के संबंध और अधिक मजबूत और बहुआयामी हुए हैं। इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत और यूके के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर खुशी जताई कि इससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

बिरला ने कहा कि लोक सभा सचिवालय की प्रशिक्षण संस्था, प्राइड विश्व स्तरीय संसदीय प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था के रूप में उभरी है। उन्होंने विधायकों के क्षमता निर्माण के माध्यम से संसदीय सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की।

इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ने सर लिंडसे हॉयल को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और दूसरी बार हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर चुने जाने पर उन्हें बधाई दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

   

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