वित्‍त मंत्री ने अधिकारियों को 100 दिनों में बनी गति कायम रखने का दिया निर्देश

पूंजीगत व्यय योजना की समीक्षा करते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अधिकारियों को भारत सरकार के पहले 100 दिनों में बनी गति को बनाए रखने का निर्देश दिया। साथ ही उन्‍होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए लगन से काम करने को कहा, ताकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य योजना के अनुसार पूरे हों।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री राजधानी नई दिल्ली में वित्‍त मंत्रालय के व्यय विभाग (डीओई) के तहत ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना’ के व्यय का आकलन करने के लिए आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान कही। सीतारमण ने योजना की भूमिका को स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ निरंतर सहयोग के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही वित्‍त मंत्री ने उन्हें परिकल्पित सुधारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

सीतारमण ने बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए कहा कि यह योजना राज्य स्तर पर पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में सहायक रही है, जो बदले में बुनियादी ढांचे के विकास, नौकरी सृजन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करती है। वित्त मंत्री ने शिक्षा विभाग के सचिव से राज्य सरकारों के साथ समन्वय करने और योजना के तहत प्रस्तावों को प्रस्तुत करने और अनुमोदन में तेजी लाने का आग्रह किया, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि पूंजी निवेश समय पर और कुशल तरीके से किया जाए।

वित्‍त मंत्रालय के एक्‍स पोस्‍ट पर जारी बयान के मुताबिक इस बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) और व्यय विभाग के सचिव भी मौजूद थे। मंत्रालय के मुताबिक यह बैठक एक सतत श्रृंखला का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण व्यय वाले प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के प्रदर्शन की समीक्षा करना है, जो समय पर पूंजी निवेश के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर सरकार को मजबूत करता है।

इस बैठक के दौरान डीओई सचिव ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी, जो केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋणों के माध्यम से पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों की क्षमता को बढ़ाने की पहल है। इस योजना के भाग-I में ‘अनटाइड फंड’ घटक है, जिसका उपयोग राज्य अपनी पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए कर सकते हैं। वहीं, योजना के दूसरे भाग में राज्यों द्वारा विभिन्न सुधारों से जुड़ी रिलीज शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं:-

-यूनिटी मॉल, पुलिस आवास और पुस्तकालयों का निर्माण।

-पुराने वाहनों को हटाना।

-प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का विकास।

-औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना।

-ग्रामीण भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण।

-राज्य किसानों की रजिस्ट्री का निर्माण।

-राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार करना तथा कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों का निर्माण आदि।

उल्‍लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 30 सितंबर, 2024 तक 50,069 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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