आरसीएफसीएनआर-1 और वल्लभ कॉलेज के बीच औषधीय पौधों के संरक्षण और खेती के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर
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- Jan 01, 2025
मंडी, 01 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तर क्षेत्र-1 (आरसीएफसीएनआर-1) ने राष्ट्रीय औषधीय पौध बोर्ड (एनएमपीबी) के तहत औषधीय पौधों के संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत आरसीएफसीएनआर-1 और मंडी के सरकारी वल्लभ कॉलेज के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य छात्रों को औषधीय पौधों के संरक्षण और सतत खेती में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे इस क्षेत्र में अपने व्यावसायिक कौशल को सुदृढ़ कर सकें। इस पहल के माध्यम से छात्रों को औषधीय पौधों के महत्व और उनके संरक्षण की दिशा में जागरूक किया जाएगा, साथ ही स्थानीय समुदायों और महिला समूहों को भी सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा।
समारोह में कॉलेज की प्राचार्य डॉ. तारा देवी सेन ने इस समझौते का स्वागत किया और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को साझा किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में पूर्व डीन, यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, प्रो. कमल शर्मा, करण जम्वाल और उज्ज्वल दीप शर्मा भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया और अपना समर्थन व्यक्त किया।
आरसीएफसीएनआर-1 के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरुण चंदन ने इस एमओयू को लेकर अपनी आशावादिता व्यक्त करते हुए डॉ. तारा देवी सेन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से औषधीय पौधों के संरक्षण और खेती के माध्यम से महिलाओं और समुदायों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगा।
वल्लभ कॉलेज की प्राचार्य सुरिना शर्मा ने इस नई शुरुआत पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे कॉलेज के छात्रों के लिए नई संभावनाओं का द्वार बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और शोध के नए अवसर प्रदान करेगा जो उन्हें औषधीय पौधों के संरक्षण और खेती में एक सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा