सांसद रावत ने संसद में उठाया रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला

नई दिल्ली/उदयपुर, 11 फ़रवरी (हि.स.)।

संरक्षण देने वालों पर भी कार्रवाई की मांग, राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया गंभीर विषय

उदयपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने मंगलवार को संसद में रोहिंग्या घुसपैठियों के मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने संसद में नियम 377 के अधीन अपनी बात रखते हुए रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा अवैध रूप से देश में प्रवेश करने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने की आशंका जताई। सांसद रावत ने सरकार से आग्रह किया कि इन घुसपैठियों की पहचान कर फर्जी दस्तावेजों की जांच की जाए तथा इन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सांसद डॉ. रावत ने संसद में कहा कि रोहिंग्या घुसपैठी अवैध रूप से भारत की सीमा में प्रवेश कर नाम और धर्म बदलकर रह रहे हैं। वे कई अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा के समक्ष गंभीर चुनौती उत्पन्न हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा बनाए गए आधार कार्ड की गहन जांच की जाए और उनके दस्तावेजों की प्रमाणिकता परखने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

सांसद ने यह भी कहा कि आधार कार्ड जारी करने वाले सेंटरों की जांच की जाए और फर्जी दस्तावेज बनाने में संलिप्त व्यक्तियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। उन्होंने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए ताकि देश के हितों की रक्षा की जा सके।

सांसद रावत लंबे समय से अपने संसदीय क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों और नक्सलवाद जैसी समस्याओं को लेकर मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग, विशेष रूप से डूंगरपुर और बांसवाड़ा में बाहरी तत्व भ्रम फैला रहे हैं और धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं।

हाल ही में आयोजित बेणेश्वर मेले के उद्घाटन समारोह में सांसद रावत ने आदिवासी समाज की पहचान को स्पष्ट करने को लेकर भाषण दिया था। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज हिंदू है और इस पहचान को बनाए रखना आवश्यक है। उनके इस बयान के बाद एक विपक्षी विधायक ने विरोध शुरू कर दिया। सांसद रावत ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत देता है कि कुछ राजनीतिक दल किन तत्वों को प्रश्रय दे रहे हैं और समाज में भ्रम फैलाकर कौन लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

सांसद ने यह भी बताया कि महाकुंभ में धर्मांतरण कराने वाले पारितंत्र की रणनीति को ध्वस्त करने के लिए चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए सरकार को रोहिंग्या घुसपैठ, धर्मांतरण और बाहरी षड्यंत्रों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

सांसद रावत ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि रोहिंग्या घुसपैठियों के पहचान पत्रों की जांच कर उन्हें भारत से बाहर निकाला जाए और उनके समर्थन में कार्यरत व्यक्तियों को चिह्नित कर दंडित किया जाए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए और घुसपैठ की इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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