मंदिरों का पैसा अनुसूचित जाति के कल्याण एवं सनातन धर्म के प्रचार में लगे : शंकर स्वामी
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- Feb 17, 2025
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-सेवा बस्तियों में संतों के सत्संग से बंद होगा मतांतरण-एक लाख दलित परिवारों में लक्ष्मी की मूर्ति का वितरण करेंगे शंकर स्वामी
महाकुम्भनगर, 17 फरवरी (हि.स.)। शंकर स्वामी कर्नाटक के वीर शैव सम्प्रदाय के संत हैं। वह तेलंगाना संत परिषद के अध्यक्ष व विश्व हिन्दू परिषद मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य भी हैं। सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने तेलंगाना में कई अभिनव प्रयोग शुरू किये हैं। शंकर स्वामी ने तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश एवं केरल के एक लाख हिन्दू परिवारों में लक्ष्मी की मूर्ति के वितरण का संकल्प लिया है। मूर्ति वितरण का कार्य उन्होंने महाकुम्भ से शुरू कर दिया है। तेलंगाना के प्रख्यात संत व श्री मनिकेशा महासंस्थानम तेलंगाना के पीठाधीश्वर शंकर स्वामी से हिन्दुस्थान समाचार के वरिष्ठ संवाददाता बृजनन्दन राजू ने धर्म,अध्यात्म व सामाजिक समरसता से जुड़े विषयों पर विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के संक्षिप्त अंश...
प्रश्न : दक्षिण भारत में दलित समाज की स्थिति क्या है?
उत्तर : अनुसूचित समाज के साथ जो भेदभाव होता है, उनके ऊपर जो अत्याचार होता है, वह बाहर तो नहीं दिखता, लेकिन उनकी जिंदगी एवं उनके मनोभाव में हीनता का भाव अभी भी है। तेलंगाना व आन्ध्र प्रदेश में अभी भी उनके साथ भेदभाव होता है। कई क्षेत्रों में तो जातिगत भेदभाव बहुत ज्यादा है। आर्थिक दृष्टि से वह काफी पीछे हैं। इसलिए तथाकथित समाज के ठेकेदार भी उन्हें परेशान करते हैं, वहीं मतांतरण न करने की वजह से ईसाई सामाजिक बहिष्कार तक भी करते हैं। घर जाने के लिए रास्ता बंद कर देते हैं। उनके घरों पर पत्थरबाजी कराते हैं। मतांतरण करने के लिए दबाव बनाते हैं। अपनी संपत्ति व घर बेचने के लिए विवश करते हैं। 20 लाख के घर का वह एक करोड़ रुपये तक देते हैं। एक स्थान पर अभी हम होकर आये हैं। दलित परिवारों ने मतांतरण नहीं किया तो 20 दलित परिवारों का रास्ता बंद कर दिया।
प्रश्न : हिन्दू समाज का मतांतरण कैसे बंद होगा?
उत्तर : जब संत स्वयं सेवा बस्तियों में जायेंगे, सत्संग करेंगे और अनुसूचित समाज के बंधुओं के साथ बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण करेंगे तो मतांतरण जरूर बंद हो जायेगा। हमने समानता ही सनातन धर्म बोलकर एक कार्यक्रम किया। 350 दलित समुदाय की महिलाएं आयीं। स्वयं हमने उनकी पादपूजा कर तुलसी माला व लक्ष्मी की मूर्ति भेंट की।
प्रश्न : गरीबी का फायदा उठाकर ईसाई अनुसूचित समाज का मतांतरण कराते हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर : हिन्दू धर्म के मंदिरों का पैसा अनुसूचित जाति के कल्याण व हिन्दू धर्म के प्रचार में लगाना चाहिए। हिन्दू धर्म के बड़े-बड़े मंदिर दक्षिण भारत में है, वह पैसा सरकार ले रही है। हमारे मठ मंदिरों को सरकार मुक्त करे और इसका प्रबंधन हिन्दू समाज को सौंपे। मंदिर के पास हजारों करोड़ रुपया आता है, वह कहां जा रहा है। वह पैसा हिन्दू समाज का है। इसलिए मंदिरों का पैसा दलितों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए।
प्रश्न : अनुसूचित समाज की स्थिति आज भी दयनीय है,इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर : स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बाद भी भारत में दलित समाज की दयनीय स्थिति है, उसके लिए राजनीतिक पार्टियां और समाज भी जिम्मेदार है। अभी भी कई पार्टियां सनातन विरोधी हैं। कांग्रेस पार्टी हिन्दू समाज को बांटने का काम कर रही है। अनुसूचित समाज के बंधु सनातन धर्म के रक्षक थे। जब विधर्मियों ने हमला किया, तब यही लोग संघर्ष के लिए आगे आये। मुसलमान व अंग्रेजों ने सनातनधर्मी लोगों को बांटना शुरू किया और आपस में भेद निर्माण किया। आजादी के बाद यही काम राजनैतिक पार्टियों ने किया।
प्रश्न : सामाजिक भेदभाव को दूर करने का उपाय क्या है?
उत्तर : हमारी सोच बदलने की आवश्यकता है। संतों के प्रबोधन से ज्यादा असर पड़ेगा। दलित समुदाय के घरों में जाना। सेवा बस्तियों में शयन करना। उनके घर में जाना, प्रेरणा देना। अभी तक दलित समुदाय के लोगों को सनातन धर्म क्या है, इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। तिलक, मंत्र व पूजा पाठ का एक श्लोक भी पता नहीं है। हम समाज में भ्रम व विष को निकालने का काम करें। मिलजुलकर रहें तो भेदभाव मिटाया जा सकता है।
प्रश्न : दक्षिण भारत के कुछ मंदिरों में दलित पुजारी भी रखे गये हैं?
उत्तर : हमारा उद्देश्य समाज में भेदभाव को समाप्त कर समरस भारत का निर्माण करना है। तेलंगाना में वाल्मीकि समाज, कोली समाज व मातंग समाज के अनेक लोग पुजारी हैं, यह संख्या बढ़ाने का हम प्रयत्न कर रहे हैं। हमने अपने गांव के मंदिर में गर्भगृह तक अनुसूचित जाति के बंधुओं का प्रवेश करवाया। हमारे मंदिर में सभी माता की मूर्ति को छू सकते हैं। स्पर्श कर सकते हैं। दलित समुदाय से माता रानी का अभिषेक करवाया, तब से हमारे गांव में ईसाईयत का प्रभाव कम हुआ है। हम मानव सेवा ही माधव सेवा को मानकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं।
प्रश्न : बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले रूक नहीं रहे हैं,आप क्या कहेंगे?
उत्तर : बांग्लादेश में लगातार हिन्दुओं पर सुनियोजित तरीके से अत्याचार हो रहा है। हिन्दू समाज के लिए यह चिंता का विषय है। अभी हमले रूके नहीं हैं। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ तेलांगाना में सबसे पहले हमने बड़ा प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन से पूर्व बैठक में 60 जातियों के प्रमुख आये थे।
प्रश्न : दिल्ली में दलितों ने भाजपा का साथ दिया इसलिए विजय हुई आप क्या कहेंगे?
उत्तर : दिल्ली में हिन्दुओं के एकत्रित होने से भाजपा की विजय हुई। दिल्ली की जनता ने सनातन धर्म के विरोधियों को हराया है। अरविन्द केजरीवाल ने हिन्दू समाज में भ्रम फैलाने और हिन्दू और मुस्लिम के रूप में बांटने का काम किया। ऐसे लोगों को हिन्दू समाज समझ गया और ओबीसी, एसएसी और एसटी समुदाय ने एक होकर भाजपा को जिताया। हम भी चुनाव के दौरान दिल्ली के कम से कम 400 दलित परिवारों में गए, लक्ष्मी मूर्ति दी और उनके घरों में भोजन किया।
प्रश्न : महाकुम्भ से आप क्या संदेश देंगे?
उत्तर : महाकुम्भ समता कुम्भ है, समरसता के संगम में सभी मां का पावन सानिध्य ले रहे हैं। महाकुम्भ से एक ही संदेश लेकर जाना कि हम सब एक हैं और एक रहेंगे। मां गंगा ने सभी सभी जाति व पंथ के लोगों को अपनी गोद में लिया व उन्हें परिस्कृत किया। अब तक करीब आधा भारत मां गंगा की गोद में डुबकी लगा चुका है। सनातन की दिव्यता का अहसास कराता यह महाकुंभ, देश के सांस्कृतिक पुनरोत्थान और जागरण का प्रतीक बन चुका है। बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी यह बताती है कि अब सनातन की आभा से पूरा विश्व आलोकित होने जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन