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हमीरपुर, 17 फ़रवरी (हि.स.)। नगर परिषद सुजानपुर में मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप का स्टेचू लगाने का मुस्लिम सुधार सभा सुजानपुर ने विरोध जताया है। इनका कहना है कि स्टेचू को अन्य जगह पर लगाया दिया जाए। स्टेचू लगाए जाने से इन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसे मस्जिद के सामने न लगाया जाए। यदि ऐसा होता है तो नफरत की भावना पैदा हो सकती है। इन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक हैं लेकिन यहां मस्जिद में नमाज पढऩे के लिए आस पास के क्षेत्रों के मुस्लिम पहुंचते हैं। यदि मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप का स्टेचू होगा तो नफरत की भावना पैदा हो सकती है।
इसी समस्या को लेकर मुस्लिम सुधार सभा सुजानपुर का प्रतिनिधिमंडल आज उपायुक्त हमीरपुर से मिला। उपायुक्त ने मामला आगामी कार्रवाई के लिए एसडीएम सुजानपुर को मार्क किया है। मामले में आगामी कार्रवाई एसडीएम सुजानपुर की तरफ से की जाएगी।
मुस्लिम सुधार सभा सुजानपुर के महासचिव रफीक ने कहा कि मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप का स्टेचू लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर का सौंदर्यीकरण हो रहा है जोकि अच्छी बात है। शहर सुंदर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सौंदर्यीकरण की दृष्टि से सुजानपुर में बेहतर कार्य हो रहे हैं, लेकिन मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप का स्टेचू लगाया जाना सही नहीं है। यहां पर छोटी मस्जिद है तथा कई क्षेत्रों के लोग ईद पर नमाज पढऩे के लिए यहां आते हैं। ऐसे में हिंदु-मुस्लिम में नफरत की भावना पैदा हो सकती है। इसलिए इस स्टेचू को कहीं अन्य जगह पर स्थापित कर दिया जाए। स्टेचू को लगाए जाने के संदर्भ में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसकी जगह बदल दी जाए ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत से मंत्री पंकज भारतीय ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि एक प्रखर देशभक्त का केवल मूर्ती लगाने से ही इनको असुरक्षा की भावना पैदा हो रहीं हैं। महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण जीवन देश के प्रति आस्था, बलिदान और त्याग का परिचयक हैं। किसी को यदि अपने धर्म स्थल के सामने उनकी मूर्ति लगने से भय लगता है तो यह उनके मन का चोर हैं जो उन्हें डरा रहा हैं। मूर्ति लगाने का निर्णय प्रशाशन का हैं और यह स्पष्ट दिखता हैं की यह न तो कानून न ही प्रशाशन का सम्मान करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा