मुख्यमंत्री ममता ने दी लोगों को सतर्क रहने की सलाह, रात भर सचिवालय में रहकर करेंगी चक्रवात की निगरानी
- Admin Admin
- Oct 24, 2024
कोलकाता, 24 अक्टूबर (हि.स.)। चक्रवात 'दाना' के संभावित असर से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भले ही चक्रवात ओडिशा के तट पर टकराएगा, लेकिन इसका असर बंगाल पर भी पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने नवान्न का हेल्पलाइन नंबर (033) 22143526 भी जारी किया और बताया कि गुरुवार रात को वे नवान्न में ही रहेंगी और वहीं से स्थिति पर नजर रखेंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए 851 शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 83 हजार 583 लोग आश्रय ले चुके हैं। हर समय हेल्पलाइन चालू रहेगी।
फिलहाल, चक्रवात 'दाना' सागरद्वीप से 270 किलोमीटर दूर स्थित है और इसके गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह के बीच तट से टकराने की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं। उन्होंने गुरुवार को इसकी स्थिति की जानकारी भी दी।
इन अधिकारियों को बंगाल सरकार ने दी जिम्मेदारी-
आपदा प्रबंधन के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में कई सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दक्षिण 24 परगना के लिए मनीष जैन, उत्तर 24 परगना के लिए राजेश कुमार सिंह, हावड़ा के लिए राजेश पांडे, पश्चिम मेदिनीपुर के लिए सुरिंदर गुप्ता, हुगली के लिए ओमप्रकाश सिंह मीना, पूर्व मेदिनीपुर के लिए परवेज़ अहमद सिद्दीकी, झारग्राम के लिए सुमित्र मोहन और बांकुड़ा के लिए अवनींद्र शील को जिम्मेदारी दी गई है।
चक्रवात की संभावना को देखते हुए राज्य के नौ जिलों—उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर और झारग्राम में सभी स्कूलों को 23 से 26 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।
राज्य प्रशासन ने संभावित आपदा से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली है। तटीय इलाकों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और लोगों को चक्रवात आश्रय केंद्रों में लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तटीय थानों से लगातार माइकिंग कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
चक्रवात 'दाना' के कारण पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के तटीय जिलों में भारी नुकसान की आशंका है। कोलकाता में भी इसका प्रभाव हो सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस चक्रवात के कारण पेड़ और सूखी डालियां गिर सकती हैं, कच्चे मकान और टीन की छतें उड़ सकती हैं। तेज हवाओं से केले और पपीते जैसे पेड़ों को नुकसान हो सकता है। कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है और कच्ची तथा पक्की दोनों प्रकार की सड़कों को नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश से कोलकाता के निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या हो सकती है।
चक्रवात 'दाना' अपनी ताकत बढ़ाकर लगातार तट की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार दोपहर तक यह सागरद्वीप से 310 किलोमीटर दूर था और इसके ओडिशा के तट पर शुक्रवार सुबह के बीच धामरा और भीतरकनिका के बीच कहीं टकराने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर