मानवता और शांति को अपनाना समय की सबसे बड़ी जरूरत : सैयद हसन
- Admin Admin
- May 11, 2025

भागलपुर, 11 मई (हि.स.)। खानकाह पीर दमड़िया शाह खलीफा बाग भागलपुर के सज्जादानशीं मौलाना सैयद शाह फखरे आलम हसन ने रविवार को अपने एक बयान में कहा है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। युद्ध एक ऐसी सुलगती हुई आग है, जिससे देश, क्षेत्र और सभ्यताएं तबाह हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल से जो युद्ध का माहौल बन रहा था, सौभाग्य से अब उस पर रोक लग गई है। यह न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व और क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक सुखद समाचार है। मौलाना ने बल देते हुए कहा कि इंसान शब्द अनस से निकला है, जिसका अर्थ है प्रेम, स्नेह, भाईचारा और निकटता। दुनिया की सभी सभ्यताओं का मूल संदेश भी प्रेम और मानवता का प्रसार ही रहा है।
मौलाना फखरे आलम हसन ने कहा कि युद्ध को हमेशा आखिरी मजबूरी के तहत अपनाया जाता है, जब सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, वरना असली रास्ता शांति और समझौता ही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि भारत और पाकिस्तान ने आपसी समझदारी से एक-दूसरे पर हमले रोक दिए हैं। मौलाना ने कहा कि खबरों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस संघर्ष विराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
मौलाना ने वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से अपील किया कि जहां कहीं भी युद्ध का माहौल बने, अन्याय हो या मानवाधिकारों का उल्लंघन हो, वहां तुरंत न्याय और निष्पक्षता के साथ कदम उठाए जाएं और दुनिया को युद्ध की तबाही से बचाया जाए। उन्होंने दुआ किया कि मौजूदा संघर्ष-विराम (सीज़फायर) बरकरार रहे और दोनों देश भाईचारे, प्रेम, शांति और सद्भावना के माहौल को बढ़ावा दें।
उन्होंने प्रार्थना किया कि अल्लाह तआला शहीदों पर अपनी रहमत नाजिल फरमाए, उनके परिजनों को सब्र प्रदान करे और अपने करम से उनकी भरपाई करे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर