अंगदान से कई लोगों को मिल सकता है पुनर्जन्म

जालौन, 1 अगस्त (हि.स.)। अंगदान और प्रत्यारोपण एक शल्य प्रक्रिया है जिसमें किसी विफल अंग को किसी ऐसे व्यक्ति के स्वस्थ अंग से बदला जाता है जिसे इसकी आवश्यकता नहीं है। अंग दाता आमतौर पर हाल ही में मृत व्यक्ति होते हैं जो या तो अपनी मृत्यु से पहले स्वेच्छा से अपने अंगदान करते हैं। जिससे फिर से जरूरतमंदों को नया जीवन मिलता है उक्त बात मेडिकल के प्राचार्य अरविंद त्रिवेदी ने कही।

अंगदान से कई लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है। नेत्र प्रत्यारोपण का मतलब अंधे व्यक्ति को फिर से देखने की क्षमता देना हो सकता है। इसी तरह, अंगदान का मतलब दूसरों के अवसाद और दर्द को दूर करना हो सकता है। कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्य के द्वारा समस्त उपस्थित जनों को अगंदान की प्रतिज्ञा दिलवायी गयी। इस दौरान उक्त कार्यक्रम में डॉ० शैलेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ० चरक सांगवान, डा० विशाल अग्रवाल, डा० संजीव गुप्ता, डा० जितेन्द्र मिश्रा चिकित्साधिकारी, डॉ० उमा महेश्वरी, उप-प्रधानाचार्या कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कार्यरत सकांय सदस्य, नर्सिंग ट्यूटर एवं समस्त छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा / बृजनंदन यादव

   

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