पानीपत में समाज सेवी की मौत के बाद आंखें व शरीर मेडिकल कालेज को दान
- Admin Admin
- Mar 15, 2025

पानीपत, 15 मार्च (हि.स.)। पानीपत शहर के तहसील कैंप में एक परिवार ने अपने घर बुजुर्ग की इच्छानुसार मृत्यु के बाद उनकी आंखें व शरीर मेडिकल कालेज में दान कर दिया है। 71 वर्षीय रवींद्र कुमार मनोचा दूसरों की मदद करते रहते थे, लेकिन मरने के बाद भी अपने शरीर को दूसरों के लिए दान करके एक मिसाल कायम करके चले गए। रविंद्र कुमार मनोचा का पार्थिव शरीर सराना के मेडिकल कॉलेज में दान किया गया। शनिवार को उनकी अंतिम यात्रा में परिवार के सदस्यों के साथ कॉलोनी निवासी भी एकत्रित हुए और नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हुए उनके इस कार्य के लिए प्रशंसा की। रविंद्र मनोचा के परिवार में अब धर्मपत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
अंतिम यात्रा में शामिल हुई रविंद्र मनोचा की बेटियों ने कहा की उनके पिता ने अपना शरीर दान किया है इस पर हम खुद पर गर्व महसूस कर रहे हैं। दान शब्द बोलना बहुत आसान है, लेकिन इस पर अमल करना बहुत ही मुश्किल है। उन्होंने कहा कि उनके पिता हमेशा कहते थे दान ऐसा करो की एक हाथ से करो दूसरे को पता न चले।रविंद्र कुमार मनोचा के इस महान कार्य से प्रभावित होकर उनकी धर्मपत्नी और उनकी बड़ी बेटी ने भी प्रण लिया कि जब भी उनकी मृत्यु हो उनका भी शरीर दान किया जाए। इस कार्य से प्रभावित होकर आमजन को भी आगे आना चाहिए। जीते जी रक्त दान और मरने के बाद आंखें दान और शरीर दान जरूर करना चाहिए।जन सेवा दल सदस्य चमन लाल गुलाटी ने कहा कि आज लोगों की सोच बदल रही है। लोग मरने के बाद आंखें दान और शरीर दान कर रहे है। आंखें दान से दो अंधेरी जिंदगी को रोशनी मिलती है और शरीर दान से अच्छे डॉक्टर तैयार होते हैं। इसने कार्य के लिए धार्मिक संगठनों का विशेष योगदान रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा