आजादी के दीवाने थे बलिदानी भगत सिंह : राजेश ठाकुर

धमतरी, 28 सितंबर (हि.स.)। बलिदानी भगत सिंह की जयंती के अवसर पर 28 सितंबर को आमापारा चौक स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर एमआईसी सदस्य राजेश ठाकुर, राजेश पांडे, मीना बैगा नाग, अवैश हाशमी सहित वार्डवासियों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

इस अवसर पर एमआईसी सदस्य राजेश ठाकुर ने बलिदानी भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जलियावाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। इस मानवीय कृत्य को देखकर उनका मन देश को स्वतंत्र करवाने की सोचने लगा। भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर क्रांतिकारी संगठन तैयार किया। लाहौर षड्यंत्र मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई। 23 मार्च 1931 को उन्हें फांसी दे दी गई। तीनों ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने कई पत्र पत्रिका के लिए अनेक लेख भी लिखे थे। बलिदानी भगत सिंह आजादी के दीवाने थे। उनके हर कार्य में उसके वीर, धीर और निर्भय होने का आभास मिलता था। भगत सिंह ने अपने आलेख में ईश्वर के बारे में अनेक तर्क किए हैं उन्होंने सामाजिक परिस्थितियों का भी विश्लेषण किया है।

इस मौके पर एमआईसी सदस्य राजेश पांडे ने अपने विचार रखे एवं वीर बलिदानी को याद करते हुए कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर देश की आजादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया।एसेम्बली मे बम फेंक कर उन्होंने भागने से मना कर दिया, भगतसिंह ऐसे वीर योद्धा थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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