भारतीय किसान संघ ने जताया जी.एम. फसलों पर विरोध
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- Nov 18, 2024
मंडी, 18 नवंबर (हि.स.)। भारतीय किसान संघ जिला मंडी की बैठक पेंशनर वैलफेयर कार्यालय में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में हरिराम पवार प्रदेश सगठन मंत्री मौजूद रहे। जिसमें भारतीय किसान संघ ने जी.एम. फसलों पर विरोध जताया। इस अवसर पर अपने संबोधन में हरिराम पवार ने कहा कि भारतीय किसान संघ यह मानता है किसी भी स्थिति में भारत के लिए जी.एम.फसलों की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि जी.एम. फसल एक अस्थाई, अनियंत्रित, अपरिवर्तित फसल है। जिसके बारे में हजारों प्रश्न खड़े हुए है। जिसमें कहा गया कि खाद्य सुरक्षा के साथ जीएम फसल का कोई लेना-देना नहीं है। अभी तक किसी भी जीएम फसल के अधिक उपजाऊ वाले जीन का उपयोग नहीं हुआ है, लेकिन एक भ्रामक प्रचार हुआ है कि जीएम फसल अधिक उपजाऊ वाली फसल है।
उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ जंग लडऩे के लिए पोषक तत्व की उपलब्धता सभी को सुलभ होनी चाहिए। इसके लिए केवल और केवल विविध किस्म की विविध प्रकार फसल का उत्पादन होना चाहिए। लेकिन जीएम फसल इसके खिलाफ एक प्रकार और एक किस्म को प्रोत्साहित करता है। इसलिए हमें जीएम फसल नहीं चाहिए। वहीं ग्लोबल वार्मिंग जीएम फसल जैव विविधता को नष्ट करता है।
हरिराम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन फसल के अनुसार जलवायु या जलवायु के अनुसार फसल इसे समझना आवश्यक है। इसलिए जलवायु परिवर्तन के हिसाब से फसल की व्यवस्था को ढालना पड़ेगा। इसके लिए मिश्रित खेती, अंतरफसली खेती और फसल चक्रिय खेती की जरूरत है। लेकिन जीएम फसल इसके खिलाफ व इसके विपरित एकांगी फसल की धरोहर है। इसलिए जीएम फसल जलवायु परिवर्तन में नाकाम रहेगा। किसान सुरक्षा रासायनिक खेती और उसके आगे जहरीला जीएम खेती किसान के लिए असुरक्षित रहा है। इसके कारण देश में किसान आत्महत्या में बहुत बढ़ोतरी हुआ है। इसमें जो रासायनिक प्रयोग होता है उनके कारण कैंसर से लेकर रक्तचापए हृदयघातए पक्षाघात जैसी बीमारियों का प्रमाणित और आरोपित है। इसके विपरीत जैविक खेती के उपर ऐसा कोई भी आरोप नही है। इसलिए हमें जैविक कृषि चाहिए जहरीला जीएम नहीं।
बैठक में जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला प्रचार प्रमुख विजय ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा