बुद्ध पूर्णिमा पर भाई से मिलन: आश्रम ने मिलाया बिछुड़े परिजनों को

उदयपुर, 12 मई (हि.स.)। बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर 'अपना घर आश्रम, बेदला, उदयपुर' में एक मार्मिक दृश्य सामने आया, जब एक माह से आश्रय ले रहे मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति नीलेश प्रभुजी का अपने भाई से पुनर्मिलन हुआ।

बड़गांव थाना पुलिस द्वारा विगत माह मानसिक रूप से असंतुलित स्थिति में मिले नीलेश प्रभुजी को सेवा, उपचार एवं पुनर्वास के लिए 'अपना घर आश्रम' लाया गया था। प्रारम्भ में वह अपने बारे में कुछ भी स्पष्ट रूप से बता पाने की स्थिति में नहीं थे।

आश्रम अध्यक्ष गोपाल कनेरिया ने बताया कि आश्रम की समर्पित चिकित्सा और सेवाभाव के चलते प्रभुजी की मानसिक स्थिति में सुधार हुआ और उन्होंने अपना नाम नीलेश, निवासी जिला बांसवाड़ा बताया।

कार्यालय प्रभारी सुल्तान सिंह के अथक प्रयासों से उनकी बहन सरिता देवी से संपर्क स्थापित किया गया। फोन पर बातचीत के दौरान बहिन सरिता देवी ने पहचान की पुष्टि की। इसके पश्चात छोटे भाई हिमांशु तथा चचेरे भाई पिंटू कुमार आश्रम पहुंचे और नीलेश प्रभुजी से भेंट की।

हिमांशु ने बताया कि 25 दिसंबर 2024 को बड़े भाई के निधन के पश्चात नीलेश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था और वे घर से लापता हो गए थे। परिवार ने बांसवाड़ा व आसपास के क्षेत्रों में बहुत प्रयास किया, परंतु कोई सुराग नहीं मिला। आश्रम से सूचना मिलने पर पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। पिंटू कुमार ने 'अपना घर' की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि आश्रम का कार्य अवर्णनीय है और सैकड़ों परिवारों के लिए आशा की किरण है।

आवश्यक कार्यवाही के उपरांत आश्रम अध्यक्ष गोपाल कनेरिया, संयुक्त सचिव सुनील चौहान एवं सदस्य गोपाल डांगी ने नीलेश प्रभुजी को पारंपरिक रूप से तिलक, पाग और उपरणा पहनाकर सम्मानपूर्वक विदा किया। प्रभुजी को उनके भाई हिमांशु और पिंटू कुमार के साथ गांव घनेवा, तहसील गढ़ी, जिला बांसवाड़ा के लिए सकुशल रवाना किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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