
मुंबई, 17 अप्रैल (हि.सं.)। मिल मजदूर अपने घरों की मांग को लेकर फिर आक्रामक हो गए हैं। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को 1 मई तक का समय दिया गया है। अगर 1 मई 2025 से पहले मिल कामगारों के घर के मुद्दे को लेकर सरकार द्वारा बैठक नहीं बुलाई गई तो तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी गई है। राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ ने यह ऐलान किया है।
मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष व विधायक सचिन भाऊ अहीर ने के नेतृत्व में हाल में मुंबई के परेल स्थित महात्मा गांधी सभागृह में मजदूरों और उनके उत्तराधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में बड़ी संख्या में मिल मजदूर व उनके परिवार के लोग शामिल थे. बैठक में आंदोलन की दशा और दिशा तय की गई। सचिन अहीर ने बताया कि मिल मजदूरों को मुंबई में घर मिले, इसके लिए अब संघर्ष तेज होगा। इस लड़ाई को शक्तिशाली बनाने के लिए कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र में बैठकें आयोजित की जाएंगी। यह मिल मजदूरों का ऐतिहासिक आंदोलन साबित होगा। धारावी पुनर्वास, घरकुल योजना के तहत म्हाडा, मनपा को आवंटित एक तिहाई जमीन का 50 फीसदी हिस्सा और बंद पड़ी एनटीसी मिलों की जमीन प्राथमिकता के आधार पर मिल मजदूरों को घर के लिए दी जाए. ये तीन मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं। इसके अलावा मुंबई में मिलों की जमीन पर स्थित पुरानी इमारतों का पुनर्विकास करने की भी मांग की गई है।
संगठन के महासचिव गोविंदराव मोहिते ने बताया कि बोरीवली खटाव मिल की जमीन, एनटीसी मिल नंबर 1-2 की जमीन पर खड़े टेक्सटाइल म्यूजियम की बची हुई जमीन, बीडीडी चाल पुनर्विकास, मीठागार जमीन मजदूरों को घर बनाने के लिए दी जानी चाहिए। सरकार विभिन्न जगहों पर कुछ एकड़ जमीन उपलब्ध करा दे तो घर की समस्या का हल निकल जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कई बार मांग की जा चुकी है। लेकिन सरकार असंवेदनशील बनी हुई है। एक मई तक निर्णय नहीं लिया गया तो संघर्ष अटल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार