डिजिटल साधनों के माध्यम से वानिकी कार्यों की निगरानी हाेगी अधिक वैज्ञानिक एवं प्रभावी

बीकानेर, 18 फ़रवरी (हि.स.)। वन क्षेत्र की सतत निगरानी एवं वृक्षारोपण की प्रभावी मॉनिटरिंग को सुदृढ़ करने के लिए डिजी वन एप्लीकेशन के संचालन से जुड़ी एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया।

प्रशिक्षण बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप एवं सेटश्योर एनालिटिक्स लिमिटेड के तकनीकी सहयोग से आयोजित हुआ। इसमें संभाग के विभिन्न वन मंडलों के उप वन संरक्षक एवं सहायक वन संरक्षक उपस्थित रहे।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संभागीय मुख्य वन संरक्षक हनुमाना राम ने इस अत्याधुनिक तकनीक के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा कि डिजिटल साधनों के माध्यम से वानिकी कार्यों की निगरानी अधिक वैज्ञानिक एवं प्रभावी होगी। इससे पौधारोपण गतिविधियों में पारदर्शिता एवं परिणामशीलता में वृद्धि होगी।

हनुमाना राम ने बताया कि इस एप्लीकेशन के माध्यम से पौधारोपण स्थलों का चयन, उपयुक्त प्रजातियों का निर्धारण तथा जल एवं पोषक तत्वों की आवश्यकताओं का वैज्ञानिक आकलन संभव होगा। साथ ही, यह वन क्षेत्र की छत्रछाया (कैनोपी) संरचना एवं वन स्वास्थ्य के मूल्यांकन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

डिजी वन एप्लीकेशन को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) के सहयोग से विकसित किया गया है। इसका प्रमुख उद्देश्य सेटेलाइट इमेजरी एवं डिजिटल डेटा लेयर्स के माध्यम से पौधारोपण एवं वन स्वास्थ्य की निगरानी करना है।

कार्यशाला में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के विशेषज्ञ मेहुल लाल एवं सेटश्योर एनालिटिक्स लिमिटेड के विशेषज्ञ अमन माथुर ने अधिकारियों को एप्लीकेशन की उपयोगिता, संचालन एवं वास्तविक क्षेत्र में इसके प्रयोग की जानकारी दी।

प्रशिक्षण में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं चूरू जिलों के वन एवं वन्यजीव प्रभागों के उप वन संरक्षक एवं सहायक वन संरक्षक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान हैंड्स-ऑन अभ्यास के माध्यम से अधिकारियों को एप्लीकेशन के व्यावहारिक उपयोग एवं संचालन की जानकारी दी गई। ताकि वे इसे अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू कर सकें।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

सम्बंधित खबर