एनएचएम कर्मचारियों ने स्थायी नौकरी और समान अधिकारों की मांग को लेकर किया विरोध

गुवाहाटी 6 मार्च(हि.स.)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने स्थायी नौकरी और न्यायसंगत अधिकारों की मांग को लेकर गुरुवार को राजधानी के पांडु बोरीपारा एफआरयू मेडिकल कैंपस के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इस आंदोलन में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कोविड महामारी के दौरान उन्होंने फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, फिर भी उनकी नौकरियां अभी तक स्थायी नहीं की गई हैं। वे लंबे समय से अनुबंध आधारित नियुक्ति पर काम कर रहे हैं।

आंदोलन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार से मांग की है कि उनकी नौकरियों को स्थायी किया जाए, वेतन बढ़ाया जाए और न्यायसंगत छुट्टियों की सुविधा प्रदान की जाए। लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है, जिससे मजबूर होकर उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाया।

एफआरयू कैंपस के सामने आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में करीब सौ से अधिक एनएचएम कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सरकार उनकी न्यायसंगत मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे और बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। एनएचएम कर्मी लगातार तीन दिनों से राज्य भर में आंदोलन कर रहे हैं।

आंदोलनकारियों ने कहा, कोविड महामारी के दौरान हमने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया था। लेकिन आज हमारा भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। सरकार ने जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। हम अपने न्यायसंगत अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे।

इस विरोध प्रदर्शन के कारण अस्पताल परिसर में तनाव का माहौल बन गया और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अब यह देखना होगा कि सरकार एनएचएम के कर्मचारियों की मांगों पर क्या कदम उठाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर

   

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