नारनाैल, 10 नवंबर (हि.स.)। जिला में इस बार के संभावित बिजाई रकबे के अनुसार 13 हजार 5 सौ मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है। अब तक लगभग 11 हजार 2 सौ 84 मीट्रिक टन किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। जिला में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है किसान किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें। उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में रबी सीजन में सरसों, गेहूं, चना मुख्य फसले हैं जिनका अनुमानित बिजाई क्षेत्र सरसों 2.50 लाख एकड़ तथा गेहूं का 80 हजार एकड़ व चने का 15 हजार एकड़ रहने की संभावना है। जिसके लिए कुल डीएपी की आवश्यकता 13हजार 5सौ मीट्रिक टन है जिसमें से लगभग 11हजार 2सौ 84 मीट्रिक टन किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। जिला में सरसों व चने की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है और गेहूं की बिजाई भी 20.25 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है। जिले में डीएपी खाद की सप्लाई सुचारू रूप से चल रही है खरीफ सीजन की बिजाई का कार्य जुलाई माह में पूर्ण हो जाता है तथा अगस्त में उसके बाद प्राप्त होने वाला डीएपी खाद रबी सीजन की बिजाई के लिए प्रयोग होता है जिसे किसान गेहूं व सरसों की बिजाई के लिए समय से पहले ही अपना स्टॉक करने का प्रयास करता है ।
उन्होंने बताया कि अगस्त महीने की पहली तारीख को जिले में खाद का स्टॉक 831 एमटी था तथा अब तक 10453 एमटी और खाद प्राप्त हुआ है अतः कुल 11 हजार 2 सौ 84 एमटी डीएपी खाद हमारे पास उपलब्ध था जिसमें 10 हजार 4 सौ 95 एमटी का वितरण हो चुका है तथा शेष 789 एमटी डीएपी खाद आज भी स्टॉक में उपलब्ध है।
इसके साथ-साथ वैकल्पिक खाद एनपीके 5684 एमटी प्रयोग हो चुका है तथा 1414 एमटी एनपीके खाद स्टॉक में आज भी उपलब्ध है। इसी प्रकार एसएसपी खाद 996 एमटी खाद प्रयोग हो चुका है तथा 832 एमटी खाद स्टॉक में आज भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि 6 नवंबर को खोरी रेक पॉइंट से जिले को लगभग 1325 एमटी डीएपी व 322.5 एमटी टीएसपी खाद प्राप्त हुआ है तथा 11 नवंबर को भी एक रैक एनपीके का खोरी रेक पॉइंट पर उपलब्ध होने की संभावना है। इस प्रकार हमारे जिले में डीएपी खाद व अन्य वैकल्पिक खाद समय-समय पर किसानों को उपलब्ध हुआ है तथा जिले में खाद की सप्लाई सुचारू रूप से जारी रही किसी प्रकार की जिले में खाद की समस्या नहीं है। किसानों को खाद कोऑपरेटिव सोसाइटी, पैक्स व खाद विक्रेताओं के माध्यम से समय समय पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला महेंद्रगढ़ में खाद की किसी प्रकार की कोई समस्या रहने की संभावना नहीं है। किसान अपनी फसलों में संतुलित खाद का ही प्रयोग करें। अधिक खाद के प्रयोग से जमीन कि उर्वरा शक्ति समाप्त होती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला