
नारनाैल, 8 मार्च (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में शनिवार को आयोजित ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों की खुशी देखते ही बन रही थी। मेहनत का फल कैसा होता है। यह उनके दमकते चेहरों को देखकर सहज ही पता चल रहा था। किसी ने सफलता का श्रेय गुरुजनों को दिया तो किसी ने परिवार के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। हर किसी की सफलता की कहानी अलग-अलग थी।
संस्कृत विभाग के दीपक वशिष्ठ ने कहा कि यह सफलता मेरे लिए अपेक्षित थी। मेरे प्रोफेसर डॉ देवेंद्र सिंह राजपूत मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं। मैं मानता हूं कि यदि शुरुआत से ही लक्ष्य तय कर लिया जाए, तो सफलता निश्चित होती है।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग विभाग के अब्दुल ने कहा कि यह मेरे लिए बेहद खुशी का पल है। मैं अपने विभाग और सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हूं, विशेष रूप से डॉ अशोक कुमार और डॉ नीरज करन सिंह का, जिनका मार्गदर्शन हमेशा मिला। मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ कैंपस के हर पल का आनंद लेना भी उतना ही जरूरी है।
सांख्यिकी विभाग की रेणु कुमारी ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का क्षण था। फिलहाल, मैं केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से पीएचडी कर रही हूं। मेरा मानना है कि महिलाओं को अपने लक्ष्य की ओर बिना रुके बढ़ते रहना चाहिए, आज के समय में महिलाओं के पास ढेरों विकल्प हैं और स्वतंत्रता है।
गणित विभाग की निकिता शर्मा ने बताया कि गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना मेरे लिए जीवन के सबसे खास पलों में से एक है। यह उपलब्धि मेरी कड़ी मेहनत, माता-पिता और दोस्तों के सहयोग का परिणाम है। मेरी प्रेरणा का स्रोत आईएएस टीना डाबी हैं, जिनसे मैंने निरंतर प्रयास और धैर्य सीखा है। मेरा मानना है कि नियमित और एकाग्र अध्ययन ही सफलता की कुंजी है।
रसायन विज्ञान विभाग की चेतना सैनी ने कहा कि उन्होंने नेट और गेट क्वालिफाइड किया है। वर्तमान में आईआईटी रुड़की से पीएचडी कर रही हैं। शुरुआत में टॉपर बनने का सपना नहीं था, लेकिन एकेडमिक्स में रुचि बढ़ती गई। कल्पना चावला से प्रेरित चेतना मानती हैं कि सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला