नागपंचमी पर नाग देवता की हुई पूजा अर्चना

अररिया 09 अगस्त(हि.स.)।

फारबिसगंज सहित आसपास के इलाकों में नागपंचमी के मौके पर शुक्रवार को नाग देवता की पूजा अर्चना को गई।सनातन धर्मप्रेमियों ने अपने अपने घरों में पौराणिक परंपरा के अनुसार,घर के गेट और अन्य स्थानों पर गोबर,डूब से आकृति बनाकर दूध और लावा का चढ़ावा नाग देवता के नाम से की।

फारबिसगंज के द्विजदेनी स्कूल बगीचा चौक स्थित शिव मंदिर और हनुमान मंदिर परिसर में नाग देवता की तस्वीर के साथ पूजा अर्चना,दूध लावा और फल फूल का चढ़ावा चढ़ाकर की।पंडित मेघन मिश्र ने नागपंचमी को पूजा भक्तों को कराया।जिसके बाद मौजूद विनोद कुमार तिवारी ने उपस्थित भक्तों को बताया कि हिन्दू पंचांग सावन मास का महत्वपूर्ण पर्व है नागपंचमी। भगवान शिव के प्रिय मास सावन में उनके गणों का पूजन महत्वपूर्ण है।मान्यता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

हमारी पौराणिक कथाओं में सर्पों को भगवान शिव और विष्णु के सहयोगी के रूप में दर्शाया गया है एवं उन्हें शक्ति और ज्ञान के प्रतीक के रूप में माना जाता है। हिन्दू धर्म में नागों को नाग देवता भी कहा गया है। नागपंचमी के दिन आठो नागों अनन्त, बासुकी, पध्म, महापध्म, तक्षक, कुलीक, कर्कट और शंख की पूजा-अर्चना की परम्परा है।मौके पर भक्त सीमा राय, राजु सिंह, दिनेश दास, पंकज झा, प्रतीक तिवारी, मनीष राज, विक्रम दास, विशाल दास, राहुल सिंह आदि के द्वारा मौजूद लोगों के बीच खीर प्रसाद का वितरण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर / गोविंद चौधरी

   

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