मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर आरोप बेबुनियाद, प्रदेश हित में सरकार ने लिए ठोस फैसले: नरेश चौहान

शिमला, 21 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने नालागढ़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर विपक्ष और विशेषकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस परियोजना पर तेज़ी से कार्य कर रही है और इसे प्रदेश के विकास का प्रमुख अंग माना जा रहा है।

नरेश चौहान ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि नड्डा जैसे वरिष्ठ नेता को तथ्यों के बिना बयान देना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने उच्च पद पर रहते हुए भी नड्डा हिमाचल के लिए कोई बड़ी परियोजना लाने में असफल रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार ने हमेशा प्रदेश हित को प्राथमिकता दी है और मेडिकल डिवाइस पार्क जैसी परियोजनाओं में राज्य के संसाधनों और जनता के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की शर्तों को प्रदेश हित में अव्यवहारिक मानते हुए 25 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि ब्याज सहित वापस लौटा दी और इस परियोजना को अपने संसाधनों से पूरा करने का निर्णय लिया है। सरकार इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और अब तक 130 करोड़ रुपये के कार्य किए जा चुके हैं। इसमें सड़क, पानी, बिजली और अन्य अधोसंरचना विकास शामिल है।

चौहान ने बताया कि केंद्र की शर्तों के तहत उद्योगपतियों को महज एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन, सस्ती बिजली, मुफ्त पानी और अन्य सुविधाएं दी जानी थीं, जिससे प्रदेश को करोड़ों का नुकसान होता। इतना ही नहीं, इस परियोजना से राज्य को जीएसटी का लाभ भी नहीं मिलता क्योंकि बिक्री राज्य से बाहर होती।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने प्रदेश की भूमि और संसाधनों को कम कीमत पर देने की जो नीति अपनाई थी, वह पूरी तरह जनविरोधी थी। वर्तमान सरकार 300 एकड़ भूमि को बाज़ार दर पर देगी और सभी फैसले प्रदेश और जनता के हित में लिए जाएंगे।

नरेश चौहान ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह बीबीएनडी में अटके धन, जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी, आपदा राहत, एनपीएस जैसे मुद्दों पर सहयोग करे, न कि बेबुनियाद आरोप लगाकर प्रदेश को बदनाम करे।

उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल को केंद्र से जो भी अनुदान, राजस्व घाटा पूर्ति या आपदा राहत की राशि मिली है, वह प्रदेश का संवैधानिक अधिकार है न कि कोई खैरात। इस तरह की राशि को राजनीतिक उपलब्धि बताना सरासर भ्रामक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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