नरेश मीणा 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में, कलेक्टर का आश्वासन ग्रामीणों की मांगें पूरी होगी

जयपुर, 15 नवंबर (हि.स.)। देवली-उनियारा (टोंक) में एसडीएम के थप्पड़कांड विवाद के बाद समरावता गांव में तीसरे दिन शुक्रवार काे भी तनाव जारी है। घटना के बाद जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा का पहला बयान सामने आया है। नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए निवाई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने जयपुर में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म से बात की। इस दौरान ग्रामीण भी मौजूद थे।

जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा ने बताया कि उन्होंने समरावता गांव में ग्रामीणों से कहा कि आचार संहिता के बादसभी मांगें पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को हुए विवाद से पहले उन्होंने नरेश मीणा को छह बार कॉल किया था, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। जिला कलेक्टर के साथ एसपी विकास सांगवान भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने गांव का जायजा भी लिया। पुलिस ने टोंक, निवाई, देवली, उनियारा में चार हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की है। जयपुर में दो दिन से हड़ताल कर रहे आरएएस एसोसिएशन के मेंबर्स ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म कर दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने इसकी जानकारी दी।

कलेक्टर सौम्या झा ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। सबकी बात सुनी जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेंगे। लोगों के गायब होने पर उन्होंने कहा कि हमने पूरी लिस्ट बनाई है। हमारे पास पूरी सूचना है कि कौन लोग कहां हैं। गांव वालों की जो भी डिमांड है, उसे पूरा करने के लिए आगे प्रस्ताव भेजेंगे। आचार संहिता खत्म होने के बाद उनकी मांग पूरी की जाएगी। देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो एसडीएम अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों को भी रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने एसपी विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने रात करीब 9.30 बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए।

सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल हैं। वहीं, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाए। दोपहर करीब 12 बजे नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।

जयपुर हाईकोर्ट के एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने मीडिया को बताया कि निवाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए नरेश मीणा को पेश किया गया था। इस पर 14 दिन जेल भेजने के आदेश दिए हैं। लाखन सिंह ने कहा-इस पूरे मामले में पुलिस-प्रशासन की गलती है। पहले समरावता में पुलिस ने लाठियों से मारा और नरेश मीणा को भी थाने में टॉर्चर किया गया। ऐसी भी जानकारी मिली है कि जिस अधिकारी को नरेश मीणा ने थप्पड़ मारा था, उस अधिकारी ने थाने में पहुंचकर नरेश मीणा से मारपीट की है। सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर वकीलों को नरेश मीणा से मिलने नहीं दिया गया। परिवार से भी नहीं मिलने दिया। इसके लिए हाईकोर्ट में परिवाद पेश कर अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। समरावता में जिन-जिन अधिकारियों, पुलिसकर्मियों ने लोगों से मारपीट की है, उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने कहा कि हमने एक समन्वय समिति का गठन किया है। जिसमें आरएएस एसोसिएशन सहित अन्य सेवाओं के संगठन भी शामिल है। हमारी मांगों को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात की हैं। उन्होंने हमें सकारात्मक आश्वासन दिया है। हम हमारी मांगों को लेकर एक महीने बाद फिर से बैठेंगे। 16 दिसंबर तक अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हम फिर से पूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। हमारी मांग है कि प्रदेश में प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। सभी आरएएस को गनमैन मिले।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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