जयपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)।गीता जयंती के अवसर पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में अनेक प्रतियोगिताएं और व्याख्यान आयोजित हुए। समारोह संयोजक शास्त्री कोसलेंद्रदास ने बताया कि समारोह में 30 विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर भाषण दिए और गीता के श्लोकों का सस्वर वाचन किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने हमें जीवन के सर्वोत्तम सिद्धांतों के बारे में बताया। गीता का संदेश आज भी हमारे जीवन को दिशा देने में सक्षम है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो व्यक्ति को कर्तव्य, योग, भक्ति, कर्म और ध्यान के विषय में सिखाते हैं।
मुख्य वक्ता डॉ. राजधर मिश्र ने कहा कि जीवन में बहुत सी समस्याएं आती हैं, पर गीता हमें सिखाती है कि हमें उन समस्याओं का सामना साहस और धैर्य से करना चाहिए। गीता का उपदेश हमें बताता है कि यदि हम ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखें और सही मार्ग पर चलें, तो कोई भी कठिनाई हमें पराजित नहीं कर सकती।
कार्यक्रम में राजस्थान मंत्र प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने गीता पाठ किया, जिसमें छात्र एवं शिक्षक सम्मिलित हुए। संचालन डॉ. खुशबू शर्मा ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश