राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 24-25 जनवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में होगा
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- Jan 23, 2025
नई दिल्ली, 23 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस समारोह (आरडीसी) के हिस्से के रूप में आयोजित राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता 2024-25 का ग्रैंड फिनाले 24 एवं 25 जनवरी को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में होगा।
शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि रक्षा मंत्रालय के सहयोग से शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) 24-25 जनवरी को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता 6.0 का ग्रैंड फिनाले आयोजित करने जा रहा है। इस साल राज्य और क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के माध्यम से 13 राज्यों से 16 बैंड टीमों के 463 बच्चे फिनाले के लिए चयनित हुए हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 13,999 बच्चों वाली 568 टीमों ने भाग लिया जबकि क्षेत्रीय स्तर पर 2,337 बच्चों वाली 84 टीमों ने भाग लिया।
मंत्रालय के अनुसार, पहली बार तीन सरकारी स्कूलों की बैंड टीमों को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने का अवसर मिला है। पीएम श्री केजीबीवी पटमदा, पूर्वी सिंहभूम, झारखंड के स्कूली छात्र राष्ट्रपति मंच के सामने मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे। दो बैंड टीमें (केन्द्रीय विद्यालय और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल वेस्ट प्वाइंट, सिक्किम) गणतंत्र दिवस परेड में विजय चौक पर अपनी प्रस्तुति देंगी। सरकार के समग्र दृष्टिकोण के अनुरूप, सेना रेजिमेंटल केंद्रों के बैंड प्रशिक्षकों व टीमों द्वारा पीएम श्री स्कूल बैंड टीमों के प्रशिक्षण के लिए पहल की गई है। 11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और शेष राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी जल्द ही शुरू होगा। यह पीएम श्री स्कूलों के छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करने और उन्हें पूर्ण व्यक्तित्व के रूप में विकसित करने की दिशा की तरफ बढ़ता हुआ एक कदम है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और इसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलावकारी सुधार करना है। इस दिशा में यह कार्यक्रम न केवल देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करेगा, बल्कि छात्रों के संगीत कौशल को भी बढ़ाएगा और उनमें अनुशासन का संचार करेगा। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में स्कूली छात्रों में देशभक्ति और एकता की भावना को फिर से जगाना और समग्र शिक्षा को आगे बढ़ाने में मदद करना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार