लौकिक ज्ञान प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ साधन है बुद्धि : प्रदीप
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- May 29, 2025

भागलपुर, 29 मई (हि.स.)। सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आयोजित नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग , सेवा स्थायित्व वर्ग एवं कार्यरत आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का आज तीसरा दिन संपन्न हुआ।
तीसरे दिन गुरुवार का प्रारंभ विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, वर्ग के प्रधानाचार्य उमाशंकर पोद्दार, रोहतास के जिला निरीक्षक वीरेंद्र कुमार एवं प्रवासी कार्यकर्ता परमेश्वर कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि शिक्षा ज्ञान की व्यवस्था है। ज्ञान आत्मा का स्वभाव है। शिक्षा जीवन विकास के लिए होती है। बुद्धि लौकिक ज्ञान प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ साधन है।
उन्होंने कहा कि विद्या भारती भारतीय शिक्षा दर्शन के आधार पर विद्यार्थियों में ज्ञान, कौशल और प्रेरणा का विकास करती है। जिससे उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास हो सके। पंचपदी शिक्षण पद्धति एक शिक्षण दृष्टिकोण है जो भैया/बहनों को विषय की अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने, अभ्यास करने, लागू करने और विचार करने में मदद करता है।
आज के दो सत्रों में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा पंचपदी शिक्षण आधारित पाठ योजना का निर्माण किया गया एवं उसमें चयनित प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अगले दो सत्र में पाठ की प्रस्तुति की गई। संचालन एवं अतिथि परिचय मुंगेर के जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मदेव प्रसाद, वर्ग के मीडिया प्रभारी राकेश नारायण अंबष्ट, रमेश मणि पाठक, रामचंद्र आर्य, सोनू कुमार, सुधांशु कुमार, विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरेश कुमार, ममता जायसवाल, पूजा कुमारी, रिंकू कायल, चंद्रशेखर कुमार, बलराम कुमार, जितेंद्र प्रसाद, शशि भूषण मिश्र एवं सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर