नेपाली हाथियों की समूह ने वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के जंगल एवं आसपास के गांव में मचाया उत्पात

पश्चिम चम्पारण (बगहा),14 अक्टूबर(हि.स.)। बिहार के इकलौता वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगल नेपाली हाथियों को आकर्षित करने लगा है। कभी नेपाल के राष्ट्रीय निकुज चितवन जंगल से भटककर गैंडा ,तो कभी नेपाली हाथियों का झुंड वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र एवं सटे सरेह और गांवों मेॅ चहलकदमी करते रहते हैं।

इसी क्रम में वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के बिसहा गांव तथा सरेह में छ: नेपाली हाथियों का झुंड ने तांडव मचाना शुरू कर दिया । तांड़व मचाने के दौरान बिसहा गांव में लगभग 3 एकड़ भूमी में लगे धान के फसल एवं केला की फसल को हाथियों के समूहों ने नुकसान किया। किसानों में मन्नी लाल तिवारी, वनकर्मी जुनेद आलम, ईश्वर दयाल सिंह,बृजमोहन मुखिया,शिव मोहन कुशवाहा,गोविंद साह के धान और केला के फसलों को नुकसान पहुंचा हैं। किसान एवं ग्रामीणों ने इसकी सूचना वाल्मीकि नगर स्थित वन विभाग को दी। घटना की सूचना पर वनकर्मियों की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर मशाल जलाकर, टीन बजाकर कर,पटाखे छोङकर,लाठी़ डंडा पटककर,शोर मचाकर वनकर्मी और ग्रामीणों ने हाथियों की समूह को जंगल की ओर खदेड़ा,तब जाकर वनकर्मी और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

इसको लेकर वीटीआर प्रशासन ने वन कर्मियों को हाई आलर्ट करते हुए चौकसी बढा़ दी है तथा जंगल से सटे वनवर्ती गांव के लोगों को सरेह और जंगलो की ओर नही जाने के लिए अपील कर रही हैं। इस संबंध में वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ नेशा मणि ने बताया कि नेपाल वन क्षेत्र से हाथियों की समूह भारतीय वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र में चहलकदमी की सूचना मिली है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के रेंजर राज कुमार पासवान के नेतृत्व में वन कर्मियों को हाई आलर्ट कर चौकसी के लिए तैयार कर दिया गया है और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए अपील किया जा रहा है।

निदेशक ने बताया कि नेपाल के चितवन और वीटीआर का वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र एक दूसरे से सटा है एवं खुला क्षेत्र है। जिससे नेपाल से जंगली जानवरों में बाघ, गैंडा़, हाथी जैसे अन्य जानवरों का आना जाना लगा रहता है,इन जानवरो की निगरानी के लिए वन कर्मियों को तैनाती कर दी गयी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द नाथ तिवारी

   

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