जलवायु परिवर्तन पर चर्चा को नेपाल सरकार करेगी अंतरराष्ट्रीय सागरमाथा संवाद
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- Jan 20, 2025
काठमांडू, 20 जनवरी (हि.स.)। नेपाल सरकार जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को उच्च प्राथमिकता में रखते हुए इसकी वैश्विक चिंता को लेकर अंतराष्ट्रीय बहस की शुरुआत करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने तीन दिवसीय सागरमाथा संवाद का प्रस्ताव रखा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। इस संवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ समन्वय के करने और विश्वभर से प्रतिनिधियों को बुलाने की बात कही गई है। यह आयोजन 15, 16 और 17 मई को प्रस्तावित किया गया है।
सरकार के फैसले में सूचना और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने बताया कि नेपाल सरकार ने एक बार फिर सागरमाथा संवाद करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय पर पड़ने वाले असर और इसके उपायों पर इस अंतराष्ट्रीय संवाद कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस सागरमाथा संवाद के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार बड़े और विकसित देशों की जिम्मेवारी तय करने और जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर परिणाम भुगतने वाले देशों को इससे निपटने के लिए आर्थिक सहायता देने का एजेंडा भी रखा जाएगा।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र के साथ समन्वय बनाकर किया जाएगा और इसमें जलवायु परिवर्तन पर कार्य करने वाले विश्व के सभी प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही हिमालय से जुड़े देशों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किए जाने का प्रस्ताव है।
नेपाल ने वर्ष 2020 के भी इस तरह के आयोजन की पूरी तैयारी की थी। उस समय प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ही थे लेकिन कोविड महामारी के कारण उस समय इस सागरमाथा संवाद को स्थगित करना पड़ा था। इस वर्ष मई महीने में होने वाले आयोजन के लिए तत्काल तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास