असम कोयला खदान हादसा : 10 मजदूर बचाए गए, 11 अभी भी फंसे, बचाव अभियान जारी

उमरांग्सू कोयला खदान हादसा- राहत एवं बचाव अभियान में शामिल एनडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी।उमरांग्सू कोयला खदान हादसा राहत एवं बचाव अभियान में शामिल एनडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी।

- एनडीआरएफ, भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान बचाव अभियान में जुटे

गुवाहाटी, 7 जनवरी (हि.स.)। राज्य के उमरंगसू इलाके के कलामाटी में कोयला खदान में फंसे 10 मजदूरों को जिंदा बचा लिया गया है।खदान में अभी 11 मजदूराें के फंसे हाेने की सूचना है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स और असम राइफल्स के जवान खदान में फंसे इन मजदूराें काे निकालने के लिए बचाव अभियान चला रहे हैं। इसी बीच प्रशासन नेअब खदान में फंसे 11 में से 9 मजदूराें की शिनाख्त कर ली है।

दरअसल, असम के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमावर्ती इलाके में सोमवार की सुबह एक कोयला खदान में पानी भर जाने से कई मजदूर फंस गए थे। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की प्रथम वाहिनी के जवान बचाव अभियान में जुट गया। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स और भारतीय सेना के जवान भी जुटे हैं। बताया गया है कि सहायता के लिए विशाखापत्तनम से नौसेना के गहरे गोताखोरों को बुलाया गया है। भारतीय सेना ने बाढ़ग्रस्त खदान के अंदर खतरनाक परिस्थितियों से निपटने के लिए 32 असम राइफल्स पाथफाइंडर यूनिट और पैरा गोताखोरों सहित विशेष टीमों को भी तैनात किया है। कोयला खनन सुरंग में जल स्तर असामान्य रूप से बढ़ने से बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच पानी के ऊपर कुछ हैलमेट तैरते नजर आए।

इस बचाव दल ने खदान में फंसे 10 मजदूराें काे सुरक्षित निकाल लिया है। खदान में अभी भी 11 श्रमिक फंसे हुए हैं। इसी बीच लगभग 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे नौ खनिकों की पहचान प्रशासन ने की है। जिसमें गंगा बहादुर छेत्री (38), हुसैन अली (30), जाकिर हुसैन (38), सरपा बर्मन (46), मुस्तफा शेख (44), खुशीमोहन राय (57), संजीत सरकार (37), लिज़ोन मगर (26) और सरत ग्यारी (37) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर जिला आयुक्त सीमांत कुमार दास, पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार झा और मंत्री कौशिक राय पहले ही घटनास्थल पर हैं। इन अधिकारियाें की देखरेख में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रथम बटालियन के कमांडेंट एचपीएस कंडारी घटनास्थल पर बचाव प्रयासों की निगरानी करने के लिए पहुंच गए। खबर लिखे जाने तक अभियान जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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