सदन में किसी भी सदस्य की भावनाओं से खेलने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी- विधानसभा अध्यक्ष

जम्मू, 6 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने गुरुवार को कहा कि सदन में किसी भी सदस्य की भावनाओं से खेलने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। स्पीकर ने यह टिप्पणी भाजपा विधायक शाम लाल शर्मा द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक द्वारा विपक्षी सदस्यों के खिलाफ सदन में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताने के बाद की।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सदन में अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए ट्रेजरी बेंच के पीछे बैठे मलिक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और दावा किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में नशे की लत बढ़ने के अलावा कुछ भी नहीं बदला है। उन्होंने भाजपा पर नशे की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जिसके कारण विपक्षी सदस्यों ने स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शन किया और शर्मा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि स्पीकर ने हस्तक्षेप किया और सदस्यों को आश्वासन दिया कि सदन में किसी को भी उनकी भावनाओं से खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

भाजपा के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए मलिक ने कहा कि शराब की दुकानों की संख्या में वृद्धि हुई है और जम्मू-कश्मीर में माफिया संस्कृति और भ्रष्टाचार बढ़ गया है जबकि बाहरी लोगों को बड़ी परियोजनाएं दी गईं जिससे स्थानीय लोगों में आर्थिक संकट पैदा हो गया और सारा पैसा केंद्र शासित प्रदेश से बाहर चला गया। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण की मांग की। दिलचस्प बात यह है कि डोडा से आप विधायक ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों के पीछे सीट मिलने पर नाराजगी जताई जिसके बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें बताया कि बैठने की व्यवस्था स्पीकर द्वारा तय की गई थी और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मेरे दिल में हैं और मेरे छोटे भाई हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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