उत्तरी सेना कमांडर ने कमान में नई शामिल की गई अस्मी मशीन पिस्तौल की समीक्षा की

जम्मू, 22 नवंबर (हि.स.)। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार ने शुक्रवार को नई शामिल की गई अस्मी मशीन पिस्तौल की समीक्षा की। इस महीने की शुरुआत में भारतीय सेना ने उत्तरी कमान में 550 स्वदेशी रूप से विकसित अस्मी मशीन पिस्तौल शामिल कीं है । यह 100 प्रतिशत भारतीय निर्मित हथियार का पहला बैच है जिसका उद्देश्य भारत के उत्तर में नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए विशेष बलों को लैस करना है।

उत्तरी कमान ने एक्स के माध्यम से कहा कि उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार ने उधमपुर में नई शामिल की गई अस्मी मशीन पिस्तौल की समीक्षा की और फायरिंग की।

उन्होंने कहा कि मेड-इन-इंडिया हथियार को शामिल करना भारतीय सेना की आत्मनिर्भर भारत के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस हथियार को भारतीय सेना के कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सहयोग से विकसित किया है। इस हथियार का निर्माण हैदराबाद में लोकेश मशीन्स लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से किया जा रहा है।

सेना ने कहा कि पिस्तौल का अनूठा सेमी-बुलपप डिज़ाइन एक हाथ से संचालन की अनुमति देता है जो पिस्तौल और सबमशीन गन दोनों के रूप में कार्य करता है। विनिर्देशों के अनुसार बंदूक, जिसमें आठ इंच की बैरल और 9 मिमी गोला बारूद फायरिंग करने वाली 33-राउंड पत्रिका है, उत्तरी कमान के परिचालन क्षेत्र में नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए विशेष बलों को हथियार देने के लिए तैयार है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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