हिंदू नहीं रोहिंग्या मुसलमान ही सीमा पार कर आ रहे हैं: मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 27 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि बांग्लादेश की सीमा से बंगाली हिंदू नहीं, बल्कि रोहिंग्या मुसलमान असम में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि असम सरकार के प्रशासन ने असम की सीमाओं पर अवैध घुसपैठियों से निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा आज राजधानी दिसपुर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय लोक सेवा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो महीनों में 130 से अधिक घुसपैठियों को पकड़ा गया है, जिनमें से अधिकांश की पहचान रोहिंग्या मुसलमानों के रूप में हुई है। ये भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से प्रवेश कर आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से हर दिन असम की सीमाओं के भीतर या तो व्यक्ति या बांग्लादेशियों के समूह पकड़े जा रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल के कड़े प्रयासों के बावजूद घुसपैठिए अभी भी हमारे देश में घुसने में सक्षम हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकारी अब सक्रिय रुख अपना रहे हैं। सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बीएसएफ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में से अधिकांश की पहचान रोहिंग्या मुसलमान के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आंतरिक अस्थिरता के कारण हिंदू बंगालियों के शरण लेने के बारे में प्रारंभिक धारणा गलत थी। क्योंकि, आंकड़ों से पता चलता है कि मुख्य रूप से रोहिंग्या मुसलमान ही सीमा पार कर रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमान असम सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। असम पुलिस तथा बीएसएफ समन्वय से इन अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले अन्य राज्यों, जैसे त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने की बात कही। असम और त्रिपुरा में घुसपैठियों की पहचान हो रही है और उन्हें रोका जा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि मेघालय और पश्चिम बंगाल सहित क्षेत्र के सभी राज्य व्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ के साथ मिलकर काम करें।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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