अब अस्पताल शव को नहीं रोक सकेंगे, स्वास्थ्य विभाग का निर्देश जारी

रांची,10 मई (हि.स.)। झारखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब अस्पताल किसी भी हालत में शव रोक कर नहीं सकेंगे। मृतक के परिजनों परेशान नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर केंद्र के इस निर्देश को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने राज्य के सभी उपायुक्त और सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। पत्र में सभी उपायुक्त को अपने-अपने जिले में यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि किसी भी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीजों की मौत होने के बाद शव को इसलिए नहीं रोक कर रखा जाए, क्योंकि इलाज का बिल बकाया है।

क्या है नया नियम ?

नये नियम के तहत, अस्पतालों में इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु के बाद बिल का भुगतान नहीं होने पर भी शव नहीं रोका जा सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों की शिकायतों को सुलझाने एवं चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पेशेंट राइट एवं रेस्पांसिबिलिटी चार्टर को लागू किया है।

क्या है गाइडलाइन ?

– अस्पतालों को शव यथाशीघ्र और सम्मानपूर्वक ढंग से परिजनों को सौंपना होगा।

– किसी भी कारण से शव को रोका नहीं जा सकता है।

– सभी अस्पतालों में पेशेंट राइट एवं रेस्पांसिबिलिटी चार्टर को प्रदर्शित करना होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

   

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