नूंह:बकाया मुआवजा राशि नहीं मिलने पर भड़के किसान,आईएमटी निर्माण रोकने का ऐलान
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- Jul 05, 2025

-स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में तैनात किया गया पुलिस बल
-पिछले करीब डेढ़ साल से मुआवजे की मांग को लेकर धरनारत हैं किसान
-एक साल पहले भी इसी तरह का बना था माहौल, किसान हिरासत में लिए थे
नूंह, 5 जुलाई (हि.स.)। जमीन अधिग्रहण का पूरा मुआवजा नहीं मिलने की सूरत में नूंह जिला के रोजका मेव में आईएमटी के निर्माण को रुकवाने का निर्णय किसानों ने लिया है। इसे लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी। स्थिति को भांपते हुए वहां पर भारी संख्या में पुलिस बस तैनात किया गया। साथ ही किसानों की गिरफ्तारी के लिए बसें भी मौके पर मंगवाई गई। जब तक महापंचायत चली, माहौल तनावपूर्ण रहा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद सहित कई किसान नेताओं ने यहां शिरकत की।
किसानों की मांग के समर्थन में पहुंचे किसान नेता रवि आजाद बोले, सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। जब मुआवजा राशि के लिए सरकार ने किसानों से एफिडेविट तक ले लिए, तो फिर मुआवजा की बकाया राशि क्यों नहीं दी। आश्वासन देने के बाद भी प्रशासन ने सरकार के साथ किसानों की मुलाकात नहीं कराई। 11 मार्च 2024 को भी इसी तरह का माहौल यहां बना था। उस समय 54 महिलाओं समेत 107 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। अब किसान अपनी मांग को लेकर शांत नहीं बैठेेंगे।
नौ गांवों की 1600 एकड़ जमीन की थी अधिग्रहित
रोजका मेव आईएमटी के निर्माण के लिए सरकार की ओर से नूंह जिला के नौ गांव बडेलाकी, खोड, रेवासन कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, खेड़ली कंकर, मेहरोला व रूपाहेड़ी के किसानों की 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2010 में किया गया था। उस समय सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। सरकार ने बाद में फरीदाबाद जिला के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन का भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने अदालत की शरण लेते हुए कहा कि उनकी जमीन को सरकार ने सस्ते रेट में लिया है। इसलिए उनका मुआवजा बढ़ाया जाए। किसानों के पक्ष में फैसला देते हुए कोर्ट ने प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के सरकार को आदेश दिए थे। इन आदेशों के बारे में जब नूंह जिला के किसानों को पता चला तो उन्होंने भी मुआवजा राशि को लेकर असंतुष्टि जाहिर करते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। इसके लिए आंदोलन शुरू किया। आखिरकार सरकार ने 25 लाख रुपये से बढ़ाकर मुआवजा राशि को 46 लाख रुपये प्रति एकड़ करने की बात कही। किसानों ने इसे फैसले पर एफिडेविट भी ले लिए गए, ताकि आगे किसान फिर से कोई विवाद खड़ा ना रकें। सरकार की ओर से किसानों को 21-21 लाख रुपये मुआवजा राशि देकर कहा गया कि भविष्य में 25-25 लाख रुपये और दिए जाएंगे। किसानों ने सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें आज तक वे 25-25 लाख रुपये नहीं दिए गए हैं। इस मुआवजा की जायज मांग को लेकर 29 फरवरी 2024 से वे धरना दे रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर