मनरेगा मजदूरों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर जताया एतराज

जम्मू, 30 जनवरी (हि.स.)। नेकां के वरिष्ठ नेता और चेनाब वैली जोन के प्रवक्ता अजीत भगत ने वित्तीय वर्ष के अंत में मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू करने के ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कदम से मजदूरों पर बुरा असर पड़ेगा और कई परिवार अपने सही रोजगार से वंचित हो जाएंगे।

भगत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक परिवार को मनरेगा जॉब कार्ड जारी किया जाता है, जिससे उन्हें सालाना 100 दिन काम करने का अधिकार मिलता है। हालांकि बायोमेट्रिक अटेंडेंस की शुरुआत से अब परिवार के एक ही सदस्य को रोजाना उपस्थित रहना पड़ता है, जिससे अन्य लोगों के लिए काम में योगदान देना अव्यावहारिक हो जाता है। उन्होंने बताया कि मार्च में वित्तीय वर्ष के खत्म होने के करीब पहुंचने के साथ ही कई जॉब कार्ड धारकों ने ग्राम सभाओं में उठाई गई मांगों के अनुसार अपना 80 प्रतिशत काम पहले ही पूरा कर लिया है। उन्होंने तर्क दिया कि पिछले कुछ महीनों में उन्हें 100 दिन का काम पूरा करने के लिए मजबूर करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह जबरन मजदूरी के समान है।

एनसी नेता ने सरकार से इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य सचिव से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। उन्होंने किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों के गरीब श्रमिकों के लिए न्याय की मांग की, उनके अधिकारों की रक्षा करने और मनरेगा दिशानिर्देशों के निष्पक्ष कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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